Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

अजय राय को कांग्रेस ने क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष? जानिये इसके पीछे की असल वजह

इस वक्त इंडिया गठबंधन और उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दोनों ही काफी चर्चा में हैं जी हां लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने अपने दलित नेता बृजलाल खाबरी को हटाकर अजय राय को अप का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जहां अजय राय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा है।

09:01 AM Sep 05, 2023 IST | Nikita MIshra

इस वक्त इंडिया गठबंधन और उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दोनों ही काफी चर्चा में हैं जी हां लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने अपने दलित नेता बृजलाल खाबरी को हटाकर अजय राय को अप का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जहां अजय राय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा है।

इस वक्त इंडिया गठबंधन और उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दोनों ही काफी चर्चा में नजर आ रहे हैं जी हां लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने अपने दलित नेता बृजलाल खाबरी को हटाकर अजय राय को अप का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जहां अजय राय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा है। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश कैसा राज्य है जहां राजनीति में 90 के दशक का मोड काफी अहम था जहां पूरे देश में मंदिर आंदोलन की राजनीति चरम पर थी यह बहुत दूर था जब यूपी में कांग्रेस सब कुछ गाव चुकी थी । कांग्रेस का बुरा दौर कब आया जब देश में बीजेपी का डंका बजाने लगा। जी हां साल 1996 में पूरे उत्तर प्रदेश में भाजपा ही छाई हुई थी जहां हिंदुत्व की आक्रामक राजनीति में अजय राय एकदम फिट थे।  विशाल 1996 से लेकर 2009 तक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे। फिर उन्होंने समाजवादी पार्टी का हाथ थाम लेकिन साल 2012 आते-आते उनके कदम कांग्रेस की राजनीति में चले गए लेकिन हर तरफ सवाल यह उठ रहा है कि देश की इस बदलती हुई राजनीति में कांग्रेस पार्टी ने कैसे पूर्व बीजेपी नेता को उत्तर प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष ही बना दिया? 
Advertisement
यह थी अजय राय की पूरी कहानी!
साल 1996 में उत्तर प्रदेश मैं अजय राय ने मुख्तार अंसारी से दुश्मनी मोली थी और इस साल भाजपा के टिकट से वो विधायक भी चुने गए थे । जहां विधायक बनने से पहले उनके भाई अवधेश राय को गोली मार दी गई थी जिसका आरोप मुख्तार अंसारी पर ही लगा था अब वह दोषी भी साबित हुआ । जहां चुनावी माहौल के दौरान अजय राय के पक्ष में सहानुभूति की लहर छाई हुई थी। अजय राय कोलसला जो  अब पिंडारा के नाम से जाना जाता है उस सीट पर विधायक चुने गए थे और इस सीट से उन्होंने दिग्गज नेता और 9 बार विधायक रह चुके ऊदल को हराया था। अजय राय पूर्वांचल में बीजेपी के बड़े नेता बन चुके थे। साल 1996 से लेकर 2007 तक वह हमेशा विधानसभा में चुनाव जीतते ही रहे। जहां उनकी पूरे इलाके में छवि दबंग हिंदूवादी नेता के रूप में बन गई।  जहां अब उन्होंने साल 2009 में लोकसभा में जाने का मन बना लिया था। लेकिन बीजेपी ने उन्हें नाराज कर दिया। जी हां  लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने डॉ मुरली मनोहर जोशी को वाराणसी में टिकट दे दी। इसके बाद अजय राय कांग्रेस में शामिल हो गए जहां उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में आरएसएस के प्रचारक यानी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए सत्ता में खड़े हुए थे। लेकिन अजय राय को भारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस में उनका कद बढ़ता ही गया। साल 2019 के चुनाव में फिर अजय राय ने हार का सामना करा। लेकिन बीते 17 अगस्त को ही कांग्रेस ने दलित नेता बृजलाल खाबरी को हटाकर अजय राय को यूपी के कमान शक्ति जिस पर कई सवाल उठने लगे कि हिंदुत्व की प्रयोगशाला से निकले शख्स को इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों सौंप दी गई? 
प्रियंका गांधी की सक्रियता के बाद कांग्रेस पार्टी अपने कई नेताओं को आजमा चुकी है जहां उन्होंने अजय राय को अपने क्षेत्र में खड़ा किया। बता दे कि अजय राय की पहली चुनौती कांग्रेस के परंपरागत वोट को वापस लाना और पार्टी को हिंदू हितेषी साबित करना होगा।  जिस कारण कांग्रेस ने अजय राय को उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बनाने का मन बना लिया। वही वाराणसी क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार कांग्रेस ने अजय राय का वाराणसी और उसके आसपास के इलाके में प्रभाव देखते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है इसमें जातिगत समीकरण मायिने नहीं रखता । वहीं कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद ही दलित नेता है यूपी में एक ऐसे नेता की जरूरत थी  जो सड़क पर संघर्ष कर सके और अजय राय कुछ ऐसे ही है।
Advertisement
Next Article