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अनुच्छेद 370 को हटाने के समर्थन में कश्मीरी पंडितों ने SC में दाखिल की अर्जी

कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन और एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को केंद्र सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसले का समर्थन करते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप आवेदन दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

04:54 PM Jul 27, 2023 IST | Jyoti kumari

कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन और एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को केंद्र सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसले का समर्थन करते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप आवेदन दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन और एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को केंद्र सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसले का समर्थन करते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप आवेदन दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
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 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की
यूथ 4 पनुन कश्मीर ने अपने आयोजन सचिव, विट्ठल चौधरी और एक कश्मीरी पंडित और एक सामाजिक कार्यकर्ता विरिंदर कौल के माध्यम से मामले में सुनवाई की मांग करते हुए हस्तक्षेप आवेदन दायर किया। वकील सिद्धार्थ प्रवीण आचार्य के माध्यम से दायर आवेदनों में अनुच्छेद 370 और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की गई है।
आवेदन  में 370 को लेकर कही ये बड़ी बात
आवेदन में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 ने पूर्ववर्ती राज्य सरकार को न्याय की सबसे बड़ी गलती अर्थात् कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और जातीय सफाया करने के लिए कवर प्रदान किया था और यह अनुच्छेद 370 के साथ मिलकर राज्य संविधान की पूर्ण विफलता का प्रमाण है। आवेदन में कहा गया है, आवेदक को लगता है कि अनुच्छेद 370 एक मृत पत्र था जिसे जाना ही था क्योंकि यह एक अस्थायी अनुच्छेद था और डिज़ाइन के अनुसार यह अल्पसंख्यक विरोधी और राज्य की आबादी के बहुसंख्यक समर्थक था और इसके कारण 1947 के बाद से कश्मीरी पंडित समुदाय का बड़ा पलायन हुआ।
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