कर्नाटक: हिजाब के बाद अब सामने आया बाइबिल विवाद, हिंदू संगठनों ने जताया विरोध, जानें क्या है पूरा मसला
कर्नाटक में विवादों का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। हिजाब विवाद देशभर में काफी सुर्खियों में रहा और अब एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। दरअसल, ये नया विवाद बाइबिल को लेकर शुरू हुआ है।
02:15 PM Apr 25, 2022 IST | Desk Team
कर्नाटक में विवादों का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। हिजाब विवाद देशभर में काफी सुर्खियों में रहा और अब एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। दरअसल, ये नया विवाद बाइबिल को लेकर शुरू हुआ है। ऐसे में राज्य में एक बार फिर धा्र्मिक मामले को लेकर गहमागहमी बढ़ गई है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू के एक निजी स्कूल ने एक नया फरमान जारी किया है। स्कूल ने छात्रों के अभिभावकों को कहा है कि वह अपने बच्चों को बाइबिल के साथ स्कूल भेजे। उधर, हिंदू संगठन इस फैसले का विरोध करते हुए कह रहे है कि यह कर्नाटक शिक्षाअधिनियम का उल्लंघन है।
जानें क्या है पूरा विवाद
जानकारी के अनुसार, बैंगलुरु में क्लेरेंस हाई स्कूल नाम से एक निजी स्कूल है।इस स्कूल के एडमिशन फॉर्म पर 11वें पॉइंट में लिखा है कि ‘पैरेंट्स इसकी पुष्टि करते हैं कि उनका बच्चा अपने आध्यात्मिक कल्याण के लिए मॉर्निंग असेंबली, क्लास सहित अन्य कक्षाओं में भी भाग लेगा। बच्चा स्कूल में पवित्र धर्मग्रंथ बाइबिल की शिक्षा पर कोई आपत्ति नहीं करेगा।’
दूसरी तरफ, जब इस मामले की जानकारी हिंदू संगठनों को मिली तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया। हिंदू संगठनों का कहना है कि स्कूल में गैर-ईसाई के धर्म के बच्चें भी पढ़ते हैं, ऐसे में उन बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़ाना सरासर गलत है।
स्कूलों में पढ़ाई जाएगी भगवद्गीता
ज्ञात हो कि इससे पहले कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने स्कूलों में भगवद्गगीता पढ़ाने की घोषणा की थी। सीएम बोम्मई ने कहना था कि सरकार भगवद्गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का विचार कर रही है। तो वहीं, कुछ संगठन ये सवाल खड़ा कर रहे है कि जब स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाई जा सकती है, तो बाइबिल क्यों नहीं?
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