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किसानों के बेटों का धमाल

वर्ल्ड एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा ने तो अपने अभियान का आगाज जोरदार ढंग से करते हुए पहले ही प्रयास में 88.77 मीटर की दूरी तय कर फाइनल में प्रवेश कर​ लिया।

01:02 AM Aug 27, 2023 IST | Aditya Chopra

वर्ल्ड एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा ने तो अपने अभियान का आगाज जोरदार ढंग से करते हुए पहले ही प्रयास में 88.77 मीटर की दूरी तय कर फाइनल में प्रवेश कर​ लिया।

किसानों के बेटों का धमाल
वर्ल्ड एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में भारतीय गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा ने तो अपने अभियान का आगाज जोरदार ढंग से करते हुए पहले ही प्रयास में 88.77 मीटर की दूरी तय कर फाइनल में प्रवेश कर​ लिया। भाला फैंक में यह उनका सीजन का सर्वश्रेष्ठ और करियर का तीसरा बेस्ट थ्रो रहा। उनके साथ-साथ भारत के अन्य भाला फैंक एथलीट मनु बीपी ग्रुप ए में दूसरे प्रयास के बेस्ट थ्रो 81.31 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जबकि तीसरे एथलीट किशोर जेना ने 80.55 के बेस्ट थ्रो के बाद फाइनल में जगह बना ली। भारत के तीनों एथलीटों का एक साथ फाइनल में पहुंचना अपने आप में एक उपलब्धि है। नीरज चोपड़ा ने इसके साथ ही पैरिस ओलिम्पिक के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। भाला फैंक प्राचीन काल में अस्तित्व में है। पहले लोग शिकार आदि के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया करते थे लेकिन इसकी लोकप्रियता ने इसे एक अन्तर्राष्ट्रीय खेल के रूप में परिवर्तित कर दिया। आज जैवलिन थ्रो के नाम से इस  खेल को ख्याप्ति प्राप्त है। भाला फैंक पुरुष इवैंट डिकेथलॉन कहा जाता है, जबकि महिला इवैंट को हैप्टथलॉन कहा जाता है।
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भारत में भाला फैंक में नीरज चोपड़ा के विश्व नम्बर वन खिलाड़ी बनने के बाद देश के कई युवा इस खेल की ओर आकर्षित हुए। नीरज चोपड़ा ने टोकियो ओलिम्पिक्स 2021 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जैवलिन थ्रो के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर धमाल कर दिया था। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।  भारत ने 121 साल पहले एथलैटिक्स में पहला पदक जीता था। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने एथलैटिक्स में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया, इसे संयोग मानिये या कुछ और। विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले तीनों ही एथलीट किसानों के बेटे हैं। नीरज चोपड़ा हरियाणा के चावल किसान के बेटे हैं। किशोर जेना ओडिशा के कॉफी की खेती करने वाले किसान के बेटे हैं। जबकि मनु बीपी भी कर्नाटक के कॉफी उत्पादक किसान के बेटे हैं। किशोर जेना और मनु बीपी का अब तक का जीवन खेतों में ही व्यतीत हुआ। उनकी सफलता का सफर नीरज की उपलब्धि के बाद ही शुरू हुआ। किशोर जेना ने संकल्प लिया था कि अगर नीरज ऐसा कर सकता है तो वैसा मैं भी कर सकता हूं। 2017 में उसने 72 मीटर का आंकड़ा छू लिया। सितम्बर 2021 में उसने पहली बार 76 मीटर को छुआ। फिर उसे राष्ट्रीय शिविर में जगह मिली। फिर कोच ने उनके साथ अथक परिश्रम किया और उसके प्रदर्शन में लगातार सुधार होता रहा। उसका उत्थान नहीं रुका क्योंकि उन्होंने इस साल पहले आयोजन में फिर से अपना प्रदर्शन बेहतर किया। जब उन्होंने 1 मार्च को बेल्लारी में इंडियन ओपन थ्रो प्रतियोगिता में 78.93 मीटर थ्रो किया। 19 दिन बाद, उन्होंने 80 मीटर की आंकड़ा तोड़ दिया जब उन्होंने त्रिवेन्द्रम में 81.05 मीटर इंडियन ग्रां प्री फेंकी। अगले तीन मुकाबलों में, वह 80 मीटर के निशान से आगे जाने में असफल रहे, लेकिन उन्होंने कोई आत्मविश्वास नहीं खोया और जून में राष्ट्रीय अन्तर्राज्यीय चैंपियनशिप में 82.87 मीटर के थ्रो के साथ धमाकेदार वापसी की। इसके बाद उन्होंने श्रीलंकाई चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जब उन्होंने पिछले महीने के अंत में 84.38 मीटर थ्रो करके प्रतियोगिता जीती और वर्ड्स के लिए क्वालीफाई किया। यह इस साल दुनिया का 11वां और किसी भारतीय का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो है।
कर्नाटक में पले-बढ़े मनु के पास तो प्रशिक्षण के लिए आवश्यक संसाधन या कोच नहीं थे। उसने तो विश्व रिकार्ड धारक जैन जेलेजनी के यू-ट्यूब वीडियो देखकर भाला फैंकने की टेक्नीक सीखी। आखिरकार वह भाग्यशाली हो गए जब उसने 2010 के राष्ट्रमंडल खेल के कांस्य पदक विजेता कांशीनाथ नायक की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने उसे ट्रेनिंग देना शुरू किया। मनु ने बाद में सारे संदेह दूर कर दिए और विश्व चैम्पियनशिप में इस बार मनु ने कमाल कर दिया। धन की कमी भी उसके सामने हमेशा संकट बनकर खड़ी रही लेकिन कहते हैं कि जज्बा और जुनून हो तो सब उपलब्धियां हासिल हो जाती हैं। 2021 तक तो मनु के पास विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट तक नहीं था। लेकिन अब कोई उनका रास्ता नहीं रोक सकता। इन एथलीटों ने इस धारणा को खंडित कर दिया है कि किसान का बेटा केवल खेती कर सकता है। अब यह तीनों ही भारतीय युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत बन गए हैं। इनसे और भारतीय प्रतिभाएं प्रेरित होंगी और सफलता के नए आयाम स्थापित करेंगी।
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आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com
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