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केंद्र सरकार के विशेष सत्र बुलाने की क्या है वजह ? जानने के लिए पढ़े अभी

मोदी सरकार के कार्यकाल में कई ऐसे काम हुए हैं जिनका सपना पूरा देश दशकों पहले सोचा करता था। आज भारत उन रास्तों पर चल रहा है जिनमें भले ही कई कांटे बिछे हों लेकिन मंज़िल तरक्की ही है। हमारा देश किसी भी कार्य को करने में झिझकता नहीं। भले ही किसी काम से देश को हार मिली हो लेकिन उस हार से सीख कर भारत अपने नए तरीकों के साथ एक उज्जवल भारत का निर्माण करता है।

08:24 AM Sep 03, 2023 IST | Nikita MIshra

मोदी सरकार के कार्यकाल में कई ऐसे काम हुए हैं जिनका सपना पूरा देश दशकों पहले सोचा करता था। आज भारत उन रास्तों पर चल रहा है जिनमें भले ही कई कांटे बिछे हों लेकिन मंज़िल तरक्की ही है। हमारा देश किसी भी कार्य को करने में झिझकता नहीं। भले ही किसी काम से देश को हार मिली हो लेकिन उस हार से सीख कर भारत अपने नए तरीकों के साथ एक उज्जवल भारत का निर्माण करता है।

मोदी सरकार के कार्यकाल  में कई ऐसे काम हुए हैं जिनका सपना पूरा देश दशकों पहले सोचा करता था।  आज भारत उन रास्तों पर चल रहा है जिनमें भले ही कई कांटे बिछे हों लेकिन मंज़िल तरक्की ही है।  हमारा देश किसी भी कार्य को करने में झिझकता नहीं।  भले ही किसी काम से देश को हार मिली हो लेकिन उस हार से सीख कर भारत अपने नए तरीकों के साथ एक उज्जवल भारत का निर्माण करता है।  और ऐसा ही मोदी सरकार के 9 सालों के कार्यकाल में हुआ।  जहां सरकार कई मुद्दों को सुलझाया और देश को एक नई राह दिखाई।  इस वक़्त देश में हर्षोल्लास का माहौल छाया हुआ है। जहां एक तरफ देश चन्द्रमा पर अपना झंडा लहराता है तो वहीँ दूसरी ओर 20 देशों की मेजबानी जी-20 के ज़रिये करता है।  लेकिन हाल ही में सरकार ने विशेष सत्र को बैठाने का ऐलान किया है।  जिसकी वजह क्या है और ये क्यों बिठाया जा रहा है हम पढ़ेंगे आगे।  
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प्रहलाद जोशी ने दी विशेष सत्र बैठक की जानकारी 
दरअसल।  18 और 22 सितंबर के बीच संसद में केंद्र सरकार ने विशेष सत्र बुलाया है । गुरुवार 31 अगस्त के दिन केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने खुद ही  इसकी जानकारी दी थी।  उन्होंने कहा था  की विशेष सत्र की पांच बैठक की जाएगी । जिसके दौरान का महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। जहां  राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस विशेष सत्र का निर्णय लिया है।लेकिन भाजपा सरकार के इस फैसले से विपक्ष काफी गरमाया हुआ है।  वो जानना चाहता है की इस बैठक के पोईचे की वजह आखिरकार है क्या ?
मोदी सरकार के 9 सालों में दूसरा विशेष सत्र
मोदी सरकार के इस विशेष सत्र बैठक पर कांग्रेस अध्यक्ष मेकर अर्जुन खरगे ने एक सवाल किया है उन्होंने कहा है कि यह क्यों हो रहा है ? नेता प्रतिपक्ष को ये मालूम है ही नहीं। बता दे कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल के दौरान यह दूसरा ऐसा मौका है जब संसद में विशेष सत्र बुलाया जा रहा है इससे पहले 1 जुलाई 2017 के दिन विशेष सत्र की बैठक हुई थी जिसमें ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पारित कराया गया था।  आजादी के बाद से लेकर अब तक संसद में कुल 6 विशेष सत्र का आयोजन हो चुका है।  तो वही 1997 में 6 दिनों की सबसे बड़ी विशेष सत्र बुलाई गई थी । और यह सत्र आजादी के 50 साल पूरे होने पर बुलाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब-जब विशेष सत्र बुलाया गया है तब तक एक बड़ा फैसला हुआ है। इस बार मोदी सरकार द्वारा बुलाई गई विशेष सत्र के दौरान कई बड़े मुद्दे पर घोषणा की जा सकती है जो निम्नलिखित है।
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
  • विशेष सत्र के दौरान मणिपुर को लेकर भी बड़ा फैसला हो सकता है बताया जा रहा है कि मणिपुर में हिंसा की खबरें भले अभी नहीं आ रही हो लेकिन अंदरूनी हालाते अभी ठीक नहीं है जिस कारण विपक्ष विधानसभा चुनाव में मानसून सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा को एक बड़ा मुद्दा बनाकर चला था। और अबकी बार कुकी जनजातीय ने सरकार से मांग की है कि वह अलग कुक लैंड बनाएं जिस कारण विशेष सत्र के दौरान मणिपुर पर भी बड़ी घोषणा हो सकती है।
  • सुप्रीम कोर्ट में कई दिनों से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ याचिकाय दाखिल हो रही है साथ इस पर सुनवाई भी की जा रही है जहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दे रहे हैं? तो बता दे कि इस विशेष सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के ऊपर भी विचार किया जा सकता है। 
  • वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी संसद के अंदर चर्चा की जा सकती है जहां सरकार चाहती है कि सभी चावन को एक ही चरण में कराया जाए।
  • महिला आरक्षण बिल को लेकर भी विशेष सत्र के दौरान सियासी चर्चा की जा सकती है जहां चुनाव में महिलाओं को 33% आरक्षण देने की मांग लंबे वक्त से हो रही है वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसको लेकर सरकार को कई बार पत्र लिख चुकी है।
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