केरल : आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन को मिली जमानत
केरल की एक अदालत ने एक पत्रकार की मौत के मामले में गिरफ्तार किये गये निलंबित आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन को मंगलवार को जमानत दे दी।
02:24 PM Aug 06, 2019 IST | Shera Rajput
तिरुवनंतपुरम : केरल की एक अदालत ने एक पत्रकार की मौत के मामले में गिरफ्तार किये गये निलंबित आईएएस अधिकारी श्रीराम वेंकटरमन को मंगलवार को जमानत दे दी।
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वेंकटरमन पर कथित तौर पर नशे में अपनी गाड़ी से पत्रकार को टक्कर मारने का आरोप है। इस हादसे में पत्रकार की मौत हो गई थी।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनीसा ए, ने वेंकटरमन के रक्त के नमूनों की रासायनिक जांच रिपोर्ट पर गौर करने के बाद वेंकटरमन को जमानत दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि खून में अल्कोहल की मात्रा नहीं मिली है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जमानत मंजूर की जाती है।’’न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की उस दलील को स्वीकार किया जिसमें कहा गया था कि आरोपी के खून के नमूनों में अल्कोहल की मात्रा नहीं मिली है।
आरोपी की ओर से पेश वकील धीरेन्द्र कृष्णन ने दलील दी कि मामले की सुनवाई ‘मेरिट’ के आधार पर होनी चाहिए और उनके मुवक्किल के खिलाफ भारतीय दंड़ संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए दंड) के तहत आरोप में मुकदमा न चलाकर धारा 304ए (लापरवाही से हुई मौत) के तहत चलाया जाना चाहिए।
वकील ने कहा, ‘‘यह एक दुर्घटना का मामला है। सिर्फ इसलिए कि मेरा मुवक्किल एक आईएएस अधिकारी है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह कार नहीं चला सकते है।’’ उन्होंने दलील दी कि पुलिस की रक्त विश्लेषण रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
अभियोजन पक्ष ने हालांकि कहा कि आरोपी एक आईएएस अधिकारी है और यदि उन्हें जमानत दी गई तो वह पीड़ितों को प्रभावित कर सकते हैं।
इस हादसे के नौ घंटे के बाद वेंकटरमन के खून का नमूना लिया गया था। शुरूआत में उन्होंने खून का नमूना देने से इनकार कर दिया था।
आईएएस अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए शनिवार को मलयालम अखबार ‘सिराज’ के ब्यूरो प्रमुख के. मोहम्मद बशीर (35) को टक्कर मार दी। उस समय पत्रकार काम से घर लौट रहे थे।
इस हादसे के सिलसिले में आईएएस अधिकारी को तीन अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सरकार ने सोमवार को 33 वर्षीय अधिकारी को निलंबित कर दिया था। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया था।
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