खरगोन: SP पर किसने किया हमला? संदिग्धों की हुई पहचान, 11 दिन बाद कर्फ्यू में एक साथ मिली 6 घंटे की ढील
मध्य प्रदेश के दंगा प्रभावित खरगोन शहर में पिछले 11 दिनों में बुधवार सुबह पहली बार कर्फ्यू में एक साथ छह घंटे के लिए ढील दी गई।
12:59 PM Apr 20, 2022 IST | Desk Team
मध्य प्रदेश के दंगा प्रभावित खरगोन शहर में पिछले 11 दिनों में बुधवार सुबह पहली बार कर्फ्यू में एक साथ छह घंटे के लिए ढील दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय प्रशासन 14 अप्रैल से हर दिन या तो सुबह या फिर दो पालियों में कर्फ्यू में ढील दे रहा है, लेकिन बुधवार को पहली बार सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक छूट प्रदान की गई। पिछले कुछ दिनों में शहर की स्थिति में सुधार होने पर कर्फ्यू में सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक दो पालियों में ढील दी जा रही थी।
Advertisement
11 दिनों बाद कर्फ्यू में पहली बार 6 घंटे की ढील
खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस दौरान कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई थी, वाहनों में आग लगा दी गई थी व लोगों पर पथराव किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को कर्फ्यू में ढील के दौरान डाकघर और बैंक खुले रहेंगे। हालांकि, सड़कों पर वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी और दूध, सब्जी व दवा की दुकानों के अलावा केवल नाई की दुकानें खोली जा सकेंगी।
लोग कर सकते हैं अपने जरूरी और डेली नीड्स की शौपिंग
सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि लोग अपने घरों के पास स्थित दुकानों से जरूरी सामान की खरीदारी कर सकते हैं, क्योंकि इस दौरान सड़कों पर वाहन ले जाने की इजाजत नहीं होगी। आदेश के मुताबिक, खरगोन में पेट्रोल पंप बंद रहेंगे और उचित मूल्य की दुकानों पर मिट्टी के तेल की बिक्री भी निलंबित रहेगी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में अब तक 153 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 65 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
खरगोन के SP को गोली मारकर घायल करने वाले संदिग्धों की हुई पहचान
बताते चलें कि मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के उपरांत भड़की हिंसा के दौरान खरगोन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ चौधरी को गोली मारकर घायल करने के संदिग्धों को चिन्हित कर लिया गया है। हिंसा के उपरांत खरगोन में विशेष रुप से पदस्थ किए गए आईपीएस अधिकारी अंकित जायसवाल ने बताया कि उपद्रव के दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को गोली मारकर घायल करने वाले संदिग्धों की पहचान कर ली गई है। इस घटनाक्रम में तलवार लेकर दौड़ने वाले व्यक्ति की भी तलाश की जा रही है।
किए जा रहे हैं आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास
उन्होंने चश्मदीदों तथा अन्य लोगों से पूछताछ के आधार पर बताया कि संजय नगर में भड़की हिंसा के दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी के पहुंचने पर तीन लोगों के हाथ में पिस्तौलें देखी गई थीं। इनमें से दो संजय नगर और एक माली मोहल्ले के निवासी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संदिग्धों के परिवार वालों से भी पूछताछ की गई और वे लगातार पुलिस के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों से उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद शुरू हुई थी हिंसा
उन्होंने बताया कि खरगोन जिला मुख्यालय पर तालाब चौक पर रामनवमी के जुलूस पर पथराव के तत्काल बाद झंडा चौक, धानमंडी और शीतला माता मंदिर पर हिंसा शुरू हुई थी और इसके चलते खरगोन का अधिकांश पुलिस बल वहां तैनात कर दिया गया था। इन चार इलाकों के साथ साथ अन्य कई स्थानों पर भी हिंसा फैल गई थी। अचानक संजय नगर में आगजनी की कई घटनाएं होने की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक अपने गनमैन, ड्राइवर,रीडर तथा दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचे थे।
जानें कैसे भागने में सफल हुए आरोपी
इसी दौरान भीड़ पर तलवार लेकर लपक रहे एक युवक को रोकने के दौरान उनके अंगूठे में चोट आई और जब वे उसे पकड़ने के लिए पीछे दौड़ तो तलवारबाज को कवर कर रहे अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी थी। गोली उनके बाएं पैर के घुटने के नीचे के हिस्से से घुसकर आर पार हो गई थी। उन्हें गोली लगने पर अधिकांश पुलिस बल उनके पास आ गया और इसी दौरान तलवार चलाने वाले और अन्य पिस्तौल धारी भीड़ में शामिल होकर गायब होने में सफल हो गये।
पुलिस को ‘इंटेलिजेंस सेल’ को बनाना होगा और बेहतर
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में उपचार के उपरांत पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी कुछ दिन निजी अस्पताल में रहे और उसके बाद उन्हें 3 सप्ताह के आराम की सलाह दी गई है। सेंधवा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय मित्तल ने सेंधवा और खरगोन की घटनाओं को लेकर कहा है कि पुलिस को ‘इंटेलिजेंस सेल’ को और बेहतर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि वर्षों से‘पुलिस रिफॉर्म्स’नहीं हुए हैं और पुराने ढर्रे पर ही सूचना एकत्रीकरण का काम हो रहा है।
खरगोन जिला मुख्यालय पर बढ़ाये जा रहे हैं 99 सीसीटीवी कैमरे
आईपीएस अधिकारी अंकित जायसवाल ने बताया कि खरगोन जिला मुख्यालय पर 99 सीसीटीवी कैमरे और बढ़ये जा रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बड़वानी और खरगोन जिलों में उपद्रव के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मी शीघ्र ही ड्यूटी पर लौट आए थे। खरगोन में हिंसा के बाद से कर्फ्यू लगा हुआ है और इसमें समय-समय पर ढील दी जा रही है।
Advertisement