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चित्रकूट धाम में पांच दिवसीय दिवाली त्योहार के पहले दिन धनतेरस पर नहीं रही रौनक

भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थल चित्रकूट धाम में कोविड-19 के चलते इस साल बृहस्पतिवार से चल रहे पांच दिवसीय दिवाली त्योहार में पहले दिन धनतेरस के दिन रौनक नहीं रही।

01:23 AM Nov 13, 2020 IST | Shera Rajput

भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थल चित्रकूट धाम में कोविड-19 के चलते इस साल बृहस्पतिवार से चल रहे पांच दिवसीय दिवाली त्योहार में पहले दिन धनतेरस के दिन रौनक नहीं रही।

भगवान राम से जुड़े पवित्र स्थल चित्रकूट धाम में कोविड-19 के चलते इस साल बृहस्पतिवार से चल रहे पांच दिवसीय दिवाली त्योहार में पहले दिन धनतेरस के दिन रौनक नहीं रही। 
हिंदू पुजारियों ने कहा कि पिछले साल पांच दिवसीय दिवाली त्योहार के पहले दिन चित्रकूट धाम स्थित मंदाकिनी नदी के तट पर 35 लाख से अधिक भक्त ‘दीप दान’ करने के लिए आये थे। लेकिन इस बार आज शाम ‘दीप दान’ करने के लिए कम भक्त ही आये। 
लोगों में यह मान्यता है कि भगवान श्रीराम, देवी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण चित्रकूट के घने जंगलों में 14 वर्ष के वनवास के दौरान लंबे समय तक ठहरे थे और भगवान राम ने चित्रकूट में ‘दीप दान’ किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के दिन भगवान राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या लौटे थे। 
उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले के प्रसिद्ध हनुमान सिद्धपीठ तुलसी गुफा के महंत मोहित दास ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इस बार चित्रकूट धाम में रौनक गायब है। धनतेरस के दिन कम भक्त ‘दीप दान’ करने आये।’’ 
रामचरितमानस पर पीएचडी करने वाले महंत ने कहा, ‘‘यह वह पवित्र जगह है जहां भगवान राम ने 11 साल, छह महीने और 18 दिन बिताए। हमारे प्रभु ने अयोध्या के लिए प्रस्थान करने से पहले पवित्र मंदाकिनी नदी में ‘दीप दान’ भी किया था।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस तरह की बेरौनक वाला दिवाली त्योहार अपने जीवन में कभी नहीं देखा है, जितना कि इस साल देख रहा हूं। चित्रकूट तक आजकल ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं। इसके अलावा, कोविड-19 के लिए लगाये गये लॉकडाउन ने कई लोगों को बेरोजगार कर दिया है, जिससे लोगों के पास पैसे की तंगी है।’’ 
एक अन्य पुजारी सत्यप्रकाश दास ने कहा कि चित्रकूट में दिवाली के त्योहारी की खुशी, हर्षोल्लास एवं उत्साह इस बार गायब दिख रहा है। 
सतना के जिलाधिकारी अजय कटेसरिया ने ‘पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस बार पिछले साल के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत कम श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।’’ 
चित्रकूट धाम उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में आता है। मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा यह चित्रकूट प्राचीनकाल से ही हमारे देश का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक सांस्कृतिक स्थल रहा है।
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