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‘डेंगू-मलेरिया की तरह सनातन’: 264 हस्तियों ने CJI चंद्रचूड़ को लिखा पत्र, उदयनिधि के खिलाफ कार्रवाई की मांग

देश के विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के 14 पूर्व न्यायाधीशों, 130 पूर्व नौकरशाहों और 118 रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेज ऑफिसर्स सहित देश के 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है

02:25 PM Sep 05, 2023 IST | Prateek Mishra

देश के विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के 14 पूर्व न्यायाधीशों, 130 पूर्व नौकरशाहों और 118 रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेज ऑफिसर्स सहित देश के 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है

देश के विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के 14 पूर्व न्यायाधीशों, 130 पूर्व नौकरशाहों और 118 रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेज ऑफिसर्स सहित देश के 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।बता दें कि उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि इसे मिटाना है। 
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में देश के इन 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में CJI से उदयनिधि स्टालिन के नफरत भरे भाषण पर ध्यान देने और उनके खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का आग्रह किया है। 
पत्र में सनातन धर्म का महत्व बताने के साथ-साथ हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए यह कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन ने न सिर्फ हेट स्पीच दिया है बल्कि उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी तक मांगने से इंकार कर दिया है। पत्र में सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग करते हुए यह भी कहा गया है कि चूंकि तमिलनाडु की राज्य सरकार ने एक्शन लेने से इंकार कर दिया है इसलिए सुप्रीम कोर्ट को आगे बढ़कर तमिलनाडु सरकार की निष्क्रियता और उदयनिधि स्टालिन के हेट स्पीच पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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