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तड़वी आत्महत्या मामला : बम्बई उच्च न्यायालय ने तीन महिला चिकित्सकों को जमानत दी

बम्बई उच्च न्यायालय ने अपनी कनिष्ठ सहयोगी पायल तड़वी को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के लिए गिरफ्तार की गई तीन महिला चिकित्सकों को शुक्रवार को जमानत दे दी।

02:12 PM Aug 09, 2019 IST | Shera Rajput

बम्बई उच्च न्यायालय ने अपनी कनिष्ठ सहयोगी पायल तड़वी को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के लिए गिरफ्तार की गई तीन महिला चिकित्सकों को शुक्रवार को जमानत दे दी।

बम्बई उच्च न्यायालय ने अपनी कनिष्ठ सहयोगी पायल तड़वी को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के लिए गिरफ्तार की गई तीन महिला चिकित्सकों को शुक्रवार को जमानत दे दी।
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न्यायमूर्ति साधना जाधव ने हेमा आहूजा ,भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल को दो-दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। ये तीनों चिकित्सक 29 मई से जेल में थीं। न्यायमूर्ति जाधव ने उनकी जमानत पर कई कड़ी शर्तें भी लगाई। 
जातिगत टिप्पणियों से परेशान होकर कथित तौर पर तड़वी के आत्महत्या करने के मामले में मुम्बई अपराध शाखा ने इन तीनों चिकित्सकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 
विशेष लोक अभियोजक राजा ठाकरे ने अदालत को बताया कि उन्हें चिकित्सकों को राहत देने में कोई आपत्ति नहीं है और इनके खिलाफ इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दाखिल किये जा चुके हैं।
 
इसके बाद अदालत ने इन तीनों को जमानत दे दी। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार आरोपी चिकित्सक निचली अदालत की अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ सकती। 
उनके बी वाई एल नायर अस्पताल के परिसर में जाने पर भी रोक है। इसी अस्पताल में तड़वी काम करती थी। अग्रीपाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत किसी भी क्षेत्र में जाने को लेकर उन पर रोक लगाई गई है ताकि सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सके। इसी थाना क्षेत्र में यह घटना हुई थी। 
न्यायमूर्ति जाधव ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई समाप्त होने तक उनके मेडिकल लाइसेंस निलंबित रहेंगे।
पिछले महीने एक विशेष अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज किये जाने के बाद तीन चिकित्सकों ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का रूख किया था। 
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा, ‘‘इस घटना के बाद, ग्रामीण क्षेत्रों के कितने छात्र आपके कॉलेज में प्रवेश लेने के बारे में सोचेंगे?’’ 
अदालत ने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि ये लोग (आरोपी) असंवेदनशील है और शायद डॉ. पायल की पृष्ठभूमि की उन्हें जानकारी नहीं थी।’’ 
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वह (तड़वी) एक होनहार छात्रा थी, मैंने उसके परिणाम देखे हैं और उसने अपनी सभी परीक्षाओं में लगातार 65 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं।’’ 
तड़वी (26) ने 22 मई को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि तीन चिकित्सकों ने उसका (तड़वी) उत्पीड़न किया। 
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