देश के मुसलमानों के लिए हिंदुस्तान से सुरक्षित जगह कोई नहीं : नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत के मुसलमानों के लिए अपने देश से अधिक महफूज और मजबूत जगह कहीं और नहीं है। यहां उनके नागरिक, सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार पत्थर की लकीर की तरह पुख्ता हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर कुछ राजनैतिक दलों की ओर से खड़ा किया गया भय-भ्रम का भूत बेनकाब हो चुका है।
05:44 PM Jan 10, 2020 IST | Shera Rajput
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत के मुसलमानों के लिए अपने देश से अधिक महफूज और मजबूत जगह कहीं और नहीं है। यहां उनके नागरिक, सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार पत्थर की लकीर की तरह पुख्ता हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर कुछ राजनैतिक दलों की ओर से खड़ा किया गया भय-भ्रम का भूत बेनकाब हो चुका है।
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नागरिकता कानून पर भाजपा के देशव्यापी जनजागरण कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को यहां प्रेस वार्ता में नकवी ने कहा, ‘कांग्रेस और उसके साथियों द्वारा अविश्वास और अफवाह के जरिये अमन को अगवा करने की साजिश, समाज के एकता-सौहार्द के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने के मकसद से की जा रही है।’
नकवी ने विरोध प्रदर्शनों को ‘पोलिटिकल पाखंड से प्रभावित प्रदर्शन’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और उसके साथी ‘झूठमेव जयते’ का झंडा बुलंद कर लोगों को भटकाने-भरमाने की कोशिश कर रहे हैं। नागरिकता बिल को केंद्र बिंदु बनाकर हंगामा हो रहा है जबकि नागरिकता कानून नागरिकता देने के लिए है, किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं।’
नकवी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस और उसके साथी, जो जनता द्वारा जनतंत्र में नकार दिए गए हैं वे लोग छात्रों, युवाओं को अपने संकीर्ण राजनैतिक स्वार्थों के लिए अपनी ढाल बना रहे हैं। छात्रों-नौजवानों को चाहिए कि वे कांग्रेस और उसके साथियों द्वारा खड़ा किये गए ‘भ्रम-भय के भूत’ से प्रभावित ना हों, और देश के एकता-सौहार्द के ताने-बाने को मजबूत करने में भागीदारी-हिस्सेदारी करें।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हर मंच से देश को यह आश्वस्त किया है कि सभी भारतीयों के नागरिक, सामाजिक, धार्मिक, संवैधानिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों पर कोई खतरा न था, न है और न होगा।
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