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नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग के लिए 10% आरक्षण के खिलाफ सुनवाई टली

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गो के लिये 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था के केन्द्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

09:06 AM Jul 01, 2019 IST | Desk Team

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गो के लिये 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था के केन्द्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गो के लिये नौकरियों तथा शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिये 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने के केन्द्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को 16 जुलाई के लिये स्थगित कर दी। 
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न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि इस मामले में विस्तार से सुनवाई की आवश्यकता है। साथ ही पीठ ने इसे 16 जुलाई को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गो के लिये 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था के केन्द्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। 
परंतु वह इससे संबंधित कानून की वैधानिकता पर विचार के लिये तैयार हो गया था और उसने केन्द्र को नोटिस जारी किया था। इस फैसले को चुनौती देने वाले एक याचिकाकर्ता ने संविधान (103वें संशोधन) कानून, 2019 को निरस्त करने का अनुरोध किया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि आरक्षण के लिये सिर्फ आर्थिक आधार को एकमात्र आधार नहीं बनाया जा सकता है।  
याचिका में कहा गया है कि इस कानून से संविधान के बुनियादी ढांचे का हनन होता है क्योंकि आर्थिक आधार पर आरक्षण सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही सीमित नहीं किया जा सकता है और वैसे भी आरक्षण 50 फीसदी की सीमा से ज्यादा नहीं हो सकता है। आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गो के लिये दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गो को मिल रहे 50 फीसदी आरक्षण से इतर है। 
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