For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

बदलना चाहते हैं अपनी आँखों की पुतलियों का रंग? तो देखिए वैज्ञानिकों का ये नया ट्रीटमेंट, जान कर उड़ जाएंगे होश

अब आप कॉन्टैक्ट लेंस या आईरिस प्रत्यारोपण के बिना अपनी आंखों का रंग स्थायी रूप से बदल सकते हैं। केराटोपिगमेंटेशन (keratopigmentation ) शब्द, जिसे आम आदमी की भाषा में कॉर्निया टैटूइंग भी कहा जाता है, का उपयोग इस प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जाता है।

12:48 PM Sep 05, 2023 IST | Khushboo Sharma

अब आप कॉन्टैक्ट लेंस या आईरिस प्रत्यारोपण के बिना अपनी आंखों का रंग स्थायी रूप से बदल सकते हैं। केराटोपिगमेंटेशन (keratopigmentation ) शब्द, जिसे आम आदमी की भाषा में कॉर्निया टैटूइंग भी कहा जाता है, का उपयोग इस प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जाता है।

बदलना चाहते हैं अपनी आँखों की पुतलियों का रंग  तो देखिए वैज्ञानिकों का ये नया ट्रीटमेंट  जान कर उड़ जाएंगे होश
हममें से कई लोगों को अपनी आंखों और बालों का रंग नापसंद होता है। वे इसे बदलने के लिए अस्थायी रूप से अपने बालों को रंगते हैं और रंगीन कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं। लेकिन ये एक टेम्पररी टाइम के लिए होता था। कुछ दिनों बाद उनके बालों व आँखों का रंग पहले जैसे सामान्य हो जाता हैं। कुछ समय पहले तक, किसी व्यक्ति की आंखों का रंग परमानेंट रूप से बदलना संभव नहीं था, लेकिन अब ऐसा हो सकता हैं।
Advertisement
क्या होता हैं ये “keratopigmentation”?
अच्छी खबर यह है कि अब आप कॉन्टैक्ट लेंस या आईरिस प्रत्यारोपण के बिना अपनी आंखों का रंग स्थायी रूप से बदल सकते हैं। केराटोपिगमेंटेशन (keratopigmentation ) शब्द, जिसे आम आदमी की भाषा में कॉर्निया टैटूइंग भी कहा जाता है, का उपयोग इस प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जाता है। कभी मेडिकल प्रक्रिया समझी जाने वाली ये चीज अब खूबसूरती के मामले में फैशन स्टेटमेंट भी बन गई है।
Advertisement
यह हैं इसकी पूरी प्रक्रिया 
पहले लोग अपनी आंखों का रंग बदलने के लिए आईरिस प्रत्यारोपण (इम्प्लांट) जैसी प्रक्रियाओं से गुजरते थे, लेकिन इन प्रक्रियाओं में आंखों का रंग बदलने के अलावा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम भी होते थे। एक लेज़र प्रक्रिया जो आंखों का रंग बदल सकती है, वर्ष 2017 में अनुवर्ती के रूप में सामने आई। ऐसा करने पर, भूरे रंग की पुतलियों के रंग को तुरंत नीले रंग में बदलना संभव हो गया।
केराटोपिगमेंटेशन एक अधिक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है जो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके आंखों के रंग को स्थायी रूप से बदल देती है। इसमें आंख में एक छोटी सुरंग बनाने के लिए लेजर का उपयोग करना शामिल है, जिसमें आइरिस के रंग को वांछित रंग में बदलने के लिए पिगमेंटेशन जोड़ा जाता है। आँखों के अन्य भाग पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता हैं, केवल सतह प्रभावित होती है।
30 से 45 मिनट में बदले अपनी आँखों का रंग 
30 से 45 मिनट तक चलने वाली इस पूरी प्रक्रिया के बाद दोनों आंखों का रंग बदल जाता है। अच्छी खबर यह है कि क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान टोपिकल एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है, इसलिए कोई दर्द नहीं होता है। यदि आप इससे थक जाते हैं तो आप अपनी आँखों का मूल रंग वापस ला सकते हैं। कम हानिकारक होने और तत्काल कोई दुष्प्रभाव न होने के साथ-साथ डॉक्टर भी इस दृष्टिकोण से सहमत हैं। अगर ठीक से किया जाए तो इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होगा।
Advertisement
Author Image

Khushboo Sharma

View all posts

Advertisement
×