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ये अनोखा मुस्लिम समुदाय, जिनसे इजराइल जताता है हमदर्दी, इस्लाम में इन्हें कहा जाता...

08:00 PM Jul 17, 2025 IST | Amit Kumar
मुस्लिम समुदाय

मिडिल ईस्ट में एक ऐसा समुदाय है जो दिखने में तो मुस्लिम लगता है लेकिन खुद को अलग पहचान देता है, इन्हें ड्रूज़ कहा जाता है. ये मूल रूप से शिया इस्लाम की इस्माइली शाखा से निकले हैं, लेकिन अब इन्हें एक अलग धर्म के तौर पर देखा जाता है. अधिकतर अरब देश ड्रूज़ को मुस्लिम नहीं मानते, बल्कि उन्हें भटक चुका मानते हैं. वहीं इज़राइल में ड्रूज़ समुदाय को बहुत सम्मान दिया जाता है. वहाँ उनकी गिनती वफादार नागरिकों में होती है. सीरिया पर इज़राइल के हमलों में भी ड्रूज़ के हितों की रक्षा की गई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल में ड्रूज़ अरबी भाषा बोलते हैं, लेकिन खुद को आम अरबों से अलग मानते हैं. उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान अलग है. जब 1948 में इज़राइल बना, तब ज्यादातर अरब मुस्लिम इसके खिलाफ थे, लेकिन ड्रूज़ ने यहूदियों का साथ दिया. तभी से दोनों समुदायों के बीच गहरा भरोसा बन गया.

इजराइली सेना में खास जगह

ड्रूज़ ही एकमात्र गैर-यहूदी समुदाय हैं जिनके लिए इज़राइली सेना (IDF) में सेवा अनिवार्य है. मुस्लिम या ईसाई अरबों को यह छूट मिली हुई है, लेकिन ड्रूज़ सेना में भर्ती होते हैं, और कई बड़े अधिकारी पदों तक पहुँचे हैं.

राजनीति और नौकरियों में भागीदारी

इज़राइल की सरकार में ड्रूज़ नेताओं की अच्छी भागीदारी रही है. कई लोग सांसद, मंत्री और उच्च अधिकारी रह चुके हैं. सरकारी नौकरियों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासन में भी उनकी अच्छी मौजूदगी है. उनके गांव भी अन्य अरब इलाकों की तुलना में ज्यादा विकसित हैं.

ड्रूज धर्म की खासियत

ड्रूज़ धर्म की जड़ें इस्माइली शिया इस्लाम में हैं, लेकिन इन्होंने समय के साथ कई गैर-इस्लामी मान्यताएं अपना लीं.

ये इस्लाम के पांच स्तंभों (नमाज़, रोज़ा, हज आदि) का पालन नहीं करते.

ड्रूज़ अपने धर्मग्रंथों को गुप्त रखते हैं.

ये फातिमी खलीफा अल-हाकिम को ईश्वर का रूप मानते हैं.

इस वजह से बाकी मुस्लिम उन्हें गद्दार या मुरतद (धर्म छोड़ने वाला) कहते हैं.

यहूदियों से क्यों है नज़दीकी?

ड्रूज और यहूदी, दोनों ही मिडिल ईस्ट  में  अल्पसंख्यक हैं और उन्हें अपने-अपने समय में अरब मुस्लिम विरोध झेलना पड़ा है. इसी साझा संघर्ष ने उन्हें एक-दूसरे के करीब ला दिया. ड्रूज़ युवाओं को यहूदी समाज में घुलने-मिलने के लिए प्रेरित किया जाता है, हालांकि धार्मिक रूप से वे अलग हैं.

दुनियाभर में ड्रूज़ आबादी

ड्रूज़ की कुल जनसंख्या लगभग 15-20 लाख है, जो इन देशों में फैली हुई है:

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