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राजस्थान चुनाव के बीच मुफ्त मोबाइल, मुफ्त राशन किट और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही सरकार

मुफ्त मोबाइल, मुफ्त राशन किट और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली…राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुफ्त सुविधाओं की एक श्रृंखला की घोषणा की है

12:22 PM Sep 03, 2023 IST | Rakesh Kumar

मुफ्त मोबाइल, मुफ्त राशन किट और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली…राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुफ्त सुविधाओं की एक श्रृंखला की घोषणा की है

मुफ्त मोबाइल, मुफ्त राशन किट और 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली…राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुफ्त सुविधाओं की एक श्रृंखला की घोषणा की है। इसका लक्ष्य सत्ता परिवर्तन की दशकोें पुरानी पवृत्‍त‍ि को तोड़ अगले कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी है।
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खराब कानून व्यवस्था और बिजली संकट
आखिरकार, लाख टके का सवाल यह है कि क्या ये मुफ्त सुविधाएं कांग्रेस को राजस्थान में वापसी करने में मदद करेंगी?
जहां कांग्रेस इन मुफ्त योजनाओं और अपनी सामाजिक सुरक्षा घोषणाओं के माध्यम से वापसी करने को लेकर आश्वस्त दिख रही है, वहीं दूसरी ओर, भाजपा राजस्थान में पेट्रोल डीजल की ऊंची कीमतों, खराब कानून व्यवस्था और बिजली संकट को लेकर सत्तारूढ़ सरकार पर सवाल उठा रही है। 
मुफ्त राशन किट देने का ऐलान
मुख्यमंत्री के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ से वंचित परिवारों को मुफ्त राशन किट दी जाएगी। वहीं, उन लोगों को भी किट मुहैया करायी जायेगी, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं और जरूरतमंद हैं। सीएम पहले ही राजस्थान में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों (बीपीएल) और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा कर चुके हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 750 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
लेकिन, विपक्षी बीजेपी ने इन घोषणाओं को ‘चुनावी रेवड़ियां’ करार दिया है। 
कम मार्जिन वाली सीटों पर मास्टरस्ट्रोक
इस बीच, राजनीतिक विशेषज्ञों ने आईएएनएस को बताया कि मुफ्त चुनावी वादे कम मार्जिन वाली सीटों पर मास्टरस्ट्रोक के रूप में काम करते हैं। राजनीतिक दल अपनी सुविधा के अनुसार मुफ्त के वादे करने से नहीं चूकना चाहते। इसलिए राजस्थान में मुफ्त सुविधाओं को लेकर वाकयुद्ध के बीच, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्य विधानसभा चुनावों में कौन सी पार्टी जीतेगी, यह देखने के लिए कि क्या ‘रेवड़ी राजनीति’ वास्तव में लंबे समय में मायने रखती है।
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