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ब्रिटेन के लंदन में भारतीय उच्चायोग ने दो प्रमुख अभियानों ‘चलो इंडिया’ और ‘लिविंग ब्रिज’ की शुरुआत की। ‘चलो इंडिया’ अभियान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है जबकि ‘लिविंग ब्रिज’ अभियान ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के योगदान का जश्न मनाने के लिए है। चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा’ अभियान की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में श्रीनगर में की थी ताकि भारतीय समुदाय के लोगों को अपने गैर-भारतीय मित्रों को भारत में पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
इस मौके पर ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने ‘इंडिया हाउस’ में अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वास्तव में यह आपके लिए एक राजदूत बनने और उसका जश्न मनाने का अवसर है।’ उन्होंने कहा, ‘‘आइए इस मौके पर अतुल्य भारत को याद करे। भारतीयों की उस भूमिका को भी याद करे, जिसने भारत और ब्रिटेन के संबंधों को मजबूत बनाने में योगदान दिया है।’’
आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारतीय उच्चायोग ने ‘लिविंग ब्रिज’ के विषय महिलाओं पर केंद्रित रखा। दुरईस्वामी ने कहा, ‘‘ये (महिलाएं) ब्रिटेन-भारत संबंधों की नायिकाएं हैं, जिन्होंने साहसिक खेल, शतरंज, फिल्म, व्यवसाय आदि क्षेत्र में योगदान दिया है। लिविंग ब्रिज’ अभियान के पहले चरण में पर्वतारोही प्रीत कौर चंडी, शतरंज चैंपियन बोधना शिवानंदन, प्रसिद्ध शेफ अस्मा खान, अभिनेत्री आयशा धारकर और आर्थिक विशेषज्ञ बैरोनेस श्रीति वेडेरा आदि शामिल हुए।
पिछले साल दिसंबर में यूरोपीय ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप में इतिहास रचने वाली शिवानंदन ने कहा, ‘‘मैं दुनिया की सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनना चाहती हूं और विश्व चैंपियन भी बनना चाहती हूं। पर्वतारोही प्रीत कौर ने कहा, ‘‘मैं सिख हूं। मेरे पिता उत्तर प्रदेश में पैदा हुए थे। वह अपनी किशोरावस्था में इंग्लैंड आए थे। मेरी मां इंग्लैंड में पैदा हुई थीं। लेकिन उनके माता-पिता पंजाब से हैं। मैं डर्बी में पली-बढ़ी हूं। मैं जो हूं उसमें मेरी विरासत का एक बड़ा योगदान है।