Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

शीर्ष अदालत ने केंद्र को महाकाल मंदिर के ढांचे की मजबूती पर एक रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को उज्जैन के ऐतिहासिक महाकाल मंदिर के ढांचे की मजबूती और टिकाऊपन की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच कराने का बुधवार को निर्देश दिया।

03:05 PM Jul 31, 2019 IST | Shera Rajput

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को उज्जैन के ऐतिहासिक महाकाल मंदिर के ढांचे की मजबूती और टिकाऊपन की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच कराने का बुधवार को निर्देश दिया।

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को उज्जैन के ऐतिहासिक महाकाल मंदिर के ढांचे की मजबूती और टिकाऊपन की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच कराने का बुधवार को निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को अपनी रिपोर्ट सितंबर तक सौंपने को कहा है। 
Advertisement
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने आगामी पांच अगस्त को नागपंचमी पर्व के मद्देनजर परिसर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अपनाये गए सुरक्षा उपायों पर मंदिर कमेटी की रिपोर्ट भी स्वीकार की है। 
पीठ ने कहा, ‘‘हम मंदिर कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार करते हैं। हम कमेटी द्वारा उठाये गए कदमों से संतुष्ट हैं।’’ सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई),रूड़की, आईआईटी मद्रास और एनआईटी भोपाल से इस मुद्दे पर संपर्क किया गया है तथा वे (ढांचे की मजबूती एवं टिकाऊपन की) जांच करने के लिए राजी हो गये हैं। 
पीठ ने इसके बाद केंद्र को तीनों संस्थानों के प्रतिनिधियों की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया। 
न्यायालय ने कहा, ‘‘हम केंद्र और राज्य सरकार से महाकाल मंदिर एवं इसके विभिन्न ढांचों की सीबीआरआई, आईआईटी मद्रास और एनआईटी,भोपाल की एक टीम से जांच कराने का अनुरोध करते हैं ताकि इसकी संरचना के टिकाऊपन का पता लगाया जा सके। रिपोर्ट 16 सितंबर तक या उससे पहले न्यायालय को सौंपी जाए। ’’ 
मंदिर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि काफी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने का नियमन करने और उनकी सुरक्षा के वास्ते गर्भगृह में प्रवेश एवं निकास के लिए तीन सीढ़ियों का उपयोग किया जा रहा है। 
Advertisement
Next Article