जब लड़के ने दहेज लेने से किया साफ़ इनकार,तो ससुराल वालों ने दिया कुछ इस तरह का सरप्राइज गिफ्ट
भले ही दहेज प्रथा एक कानून अपराध हो,लेकिन हमारे समाज में ये अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में आज भी शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां शादियों में दहेज न लिया जाता हो।
12:48 PM May 25, 2019 IST | Desk Team
भले ही दहेज प्रथा एक कानून अपराध हो,लेकिन हमारे समाज में ये अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में आज भी शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां शादियों में दहेज न लिया जाता हो। हालांकि समाज में कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो दहेज के सख्त खिलाफ हैं। वैसे दहेज को ना लेकर दूसरी कई तरह की अलग कोशिशें भी जारी हैं जिसमें दहेज तो नहीं मांग रहे हैं लेकिन वेडिंग गिफ्ट मांग रहे हैं।
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हाल ही में एक शादी ऐसा कुछ देखने को मिला जिसकी शायद कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं। जी हां पश्चिम बंगाल के रहने वाले सूर्यकांत बारिक नाम के एम दूल्हे ने दहेज को लेकर एक नया उदाहरण समाज के आगे पेश किया है। वह एक स्कूल टीचर हैं। उन्होंने अपने ससुराल वालों को कहा कि वह शादी में किसी तरह का दहेज नहीं लेंगे। लेकिन 30 साल के सूर्यकांत जब प्रियंका बेंच से विवाह करने के लिए वेन्यू पर पहुंचे तो ससुराल वालों ने उन्हें कुछ हटकर सरप्राइज गिफ्ट किया।
ससुराल वालों ने दिया सरप्राइज
सूर्यकांत की शादी पश्चिम बंगाल के खेजुरी में हुई है। वो बारात लेकर इस शहर में गए हैं। जब वो हॉल के अंदर पहुंचे तब उन्हें वहां एक बड़ा सा किताबों का ढेर पड़ा हुआ मिला। उसे देखकर सूर्यकांत काफी ज्यादा हैरान रह गए। ये सभी वो किताबें थी जो ससुराल वालों की ओर से बतौर सूर्यकांत को भेंट की गई थी।
दूल्हे ने किया था इनकार
सूर्यकांत ने कहा कि मैंने अने ससुराल वालों को पहले ही साफ तौर पर स्पष्टï कर दिया था कि मुझे किसी तरह का दहेज नहीं चाहिए। लेकिन मैं जब शादी के लिए वेन्यू पर पहुंचा तो मैं काफी हैरान में पड़ गया कि वहां पर कितनी सारी किताबें गिफ्ट के तौर पर देने के लिए रखी गई हैं।
बता दें कि दुल्हन के परिवार वालों को पहले से ही मालूम था कि दूल्हे को किताब पढऩे का काफी ज्यादा पसंद हैं। ऐसे में उन्होंने करीब 1 लाख रुपए की 1000 किताबें सूर्यकांत को गिफ्ट के तौर पर देने के लिए खरीद ली। पति के साथ-साथ उनकी होने वाली दुल्हन यानि प्रियंका को भी किताब पढऩा बहुत पसंद है। ऐसे में वह बहुत खुश हैं कि वह एक ऐसे इंसान से शादी कर रही हैं जो पूरी तरह से दहेज के खिलाफ हैं।
टैगोर और चट्टोपाध्याय का कलेक्शन
बता दें कि इन किताबों में ज्यादातर बंगाली साहित्य हैं। रविंद्रनाथ टैगोर,बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की किताबें हैं। वैसे देखा जाए तो असल में किताबें किसी एक शख्स की पूंजी नहीं होती है। उनके अक्षर हर निगाह के नाम होते हैं। लिहाजा किताबें गिफ्ट करना एक सबसे बेस्ट आइडिया साबित होता है।
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