अमेरिकी की रिपोर्ट में किया गया दावा, DDOS साइबर हमले के हथियारों की मेजबानी में चीन सबसे आगे
अमेरिका में स्तिथ टेक फर्म ए10 नेटवर्क्स की एक रिपोर्ट में दवा किया गया है कि, चीन वैश्विक स्तर पर संगठनों पर आधुनिक मैलवेयर स्थापित करने के लिए प्रवर्धन हथियारों
07:01 PM Jan 18, 2022 IST | Desk Team
अमेरिका में स्तिथ टेक फर्म ए10 नेटवर्क्स की एक रिपोर्ट में दवा किया गया है कि, चीन वैश्विक स्तर पर संगठनों पर आधुनिक मैलवेयर स्थापित करने के लिए प्रवर्धन हथियारों और बॉटनेट एजेंटों दोनों सहित संभावित वितरित डेनियल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) साइबर हमले के हथियारों की सबसे अधिक संख्या की मेजबानी करने में अग्रणी है। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 2021 की पहली छमाही में कुल बॉटनेट एजेंटों की संख्या लगभग आधी हो गई थी जिसमें चीन दुनिया भर में उपलब्ध ड्रोनों की कुल संख्या का 44 प्रतिशत होस्ट कर रहा था। समीक्षाधीन अवधि में डीडीओएस हथियारों की कुल संख्या में लगभग 2.5 मिलियन की वृद्धि हुई।
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हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है डीडीओएस : रिपोर्ट
यूएस डीडीओएस हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है जिसमें विशेष रूप से प्रवर्धन हथियार शामिल हैं। एक डीडीओएस हमला एक ऑनलाइन सेवा को कई स्रोतों से ट्रैफिक से भरकर अनुपलब्ध बनाने का एक प्रयास है। रिपोर्ट के मुताबिक, डीडीओएस हमले एक विशिष्ट भौगोलिक स्थान तक सीमित नहीं हैं और दुनिया में कहीं भी संगठनों से उत्पन्न हो सकते हैं और हमला कर सकते हैं। ये हमले हथियारों से संचालित होते हैं जो विश्व स्तर पर वितरित किए जाते हैं, जहां उच्च कंसन्ट्रेशन पाई जाती है जहां इंटरनेट से जुड़ी आबादी सबसे घनी होती है। लगातार दूसरी रिपोटिर्ंग अवधि के लिए चीन ने लगभग 2 मिलियन प्रवर्धन हथियारों और बॉटनेट एजेंटों के साथ सबसे अधिक डीडीओएस हथियारों की मेजबानी करने वाले देशों की सूची का नेतृत्व किया। अमेरिका काफी पीछे चल रहा था।
सतकर्ता समूहों ने उपाय करना किए शुरू
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, आखिरकार संगठन मोजी डॉट इन जैसे संक्रामक मैलवेयर पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। वास्तव में, कुछ सतर्कता समूहों ने डीडीओएस हमलों का उपयोग रक्षात्मक उपाय के रूप में करना शुरू कर दिया है, जो स्कैनिंग व्यवहार प्रदर्शित करने वाले सिस्टम पर हमला कर रहे हैं।
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