Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति बनना जेपी की इच्छा की पूर्ति : डॉ संजय जायसवाल

एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी मंगलवार को पटना पहुंची। एनडीए नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुर्मू जी का जोरदार स्वागत किया..

07:07 PM Jul 05, 2022 IST | Desk Team

एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी मंगलवार को पटना पहुंची। एनडीए नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुर्मू जी का जोरदार स्वागत किया..

पटना:  एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी मंगलवार को पटना पहुंची। एनडीए नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मुर्मू जी का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मां जानकी, भगवान महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्म स्थली, भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली एवं महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण जी की कर्म स्थली में एनडीए समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का इस एनडीए की बैठक में मैं हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
Advertisement
उन्होंने कहा कि बिहार , झारखंड एवं उड़ीसा एक शताब्दी से भी कम समय पहले तक बिहार और उड़ीसा प्रोविंस के हिस्से थे। आपका राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होना अपने ही राज्य की बहन के उम्मीदवार होने जैसा है।  उन्होंने  जे पी को याद करते हुए कहा जयप्रकाश नारायण जी ने सामने के गांधी मैदान से कहा था कि जिस दिन एक गरीब का बेटा देश के सर्वोच्च कुर्सी पर बैठेगा उसी दिन संपूर्ण क्रांति सफल होगी।
आज हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी, महामहिम रामनाथ कोविंद जी और अब आपका 25 जुलाई को राष्ट्रपति बनना जयप्रकाश नारायण जी की उसी इच्छा की पूर्ति है।  उड़ीसा जैसे पिछड़े प्रदेश के मयूरभंज आदिवासी इलाके की नगर पालिका के पार्षद के रूप में आपने अपना राजनीतिक जीवन की शुरुआत किया था। एक शिक्षक, विधायक, उड़ीसा सरकार में मंत्री और झारखंड के राज्यपाल के रूप में आपका जीवन सभी के लिए आदर्श है।
2007 में उड़ीसा की सर्वश्रेष्ठ विधायक होने का नीलकंठ पुरस्कार एवं राज्यपाल का दायित्व पूर्ण होने के पश्चात पुनः अपने गृह जिले के कस्बे में वापस लौट जाना राज्यपाल पद के गरिमा को सही अर्थों में सम्मान देता है।
Advertisement
Next Article