Gyanvapi Masjid case: कमिश्नर को हटाने वाली याचिका पर अब 9 मई को होगी सुनवाई, सर्वे का काम रहेगा जारी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों के सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ..
05:11 PM May 07, 2022 IST | Desk Team
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों के सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ है।मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने वीडियोग्राफी-सर्वे के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें बदलवाने के लिए शनिवार को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने फ़िलहाल फ़ैसला सुरक्षित रखा गया है।इस मामले में कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।
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18 अगस्त 2021 को संयुक्त तौर से सिविल कोर्ट में याचिका दायर की
कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई के बाद फिलहाल सर्वे का काम जारी रहेगा। हालांकि आयुक्त वकील पर फैसला आना बाकी है लेकिन फिलहाल अजय मिश्रा सर्वे करेंगे। राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास समेत पांच महिलाओं ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त तौर से सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बता दें कि प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटीकी ओर से कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग वाला प्रार्थना पत्र सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट में पेश किया गया। मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि कोर्ट कमिश्नर की ओर से पक्षपात किया जा रहा है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम शुरू किया गया
बता दें कि वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को शाम 4 बजे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम शुरू किया गया था। सर्वे के बाद दोनों पक्ष बाहर निकले तो एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना था कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहीं, प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि मस्जिद की दीवारों को अंगुली से कुरेदने की कोशिश की गई। हिंदू पक्षकारों का कहना है कि पहले यहां मंदिर हुआ करता था।
क्या है पूरा मामला
काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का केस भले ही वर्ष 1991 से वाराणसी के स्थानीय अदालत में चल रहा हो और फिर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही हो, लेकिन मां श्रृंगार गौरी का केस महज साढ़े 7 महीने ही पुराना है। 18 अगस्त 2021 को वाराणसी की पांच महिलाओं ने बतौर वादी वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना दर्शन-पूजन की मांग सहित अन्य मांगों के साथ एक वाद दर्ज कराया था, जिसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए न केवल मौके की स्थिति को जानने के लिए वकीलों का एक कमीशन गठित करने अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त करने और तीन दिन के अंदर पैरवी का आदेश दिया था।
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