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लॉक डाउन के चलते इस 8 महीने की गर्भवती महिला ने पति के साथ भूखे तय किया 100 km का सफर

दुनिया भर में तबाही मचाने वाली महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव भारत में भी काफी तेजी से बढ़ता दिख रहा है।

11:09 AM Apr 01, 2020 IST | Desk Team

दुनिया भर में तबाही मचाने वाली महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव भारत में भी काफी तेजी से बढ़ता दिख रहा है।

दुनिया भर में तबाही मचाने वाली महामारी कोरोना वायरस का प्रभाव भारत में भी काफी तेजी से बढ़ता दिख रहा है। घातक कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में करीब 21 दिनों का लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है। जिस वजह से मजदूर और गरीब वर्ग के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हजारों की संख्या में मजदूर लोग शहरों से अपने गांव के लिए रवाना हो गए हैं लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश से एक  हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां पर 8 महीने की गर्भवती महिला ने अपने पति के साथ पैदल ही बुलंदशहर जाने का निर्णय किया । सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार बताया जा रहा है करीब 2 दिन तक बिना कुछ खाए 100 किलोमीटर पैदल चलकर यह दंपत्ति अब मेरठ पहुंचे हैं जहां पर लोगों की नजर इन पर पड़ी और मेरठ के लोगों ने उन्हें पैसे दिए और उनके लिए बुलंदशहर जाने तक के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई। 
पति वकील और पत्नी यास्मीन का कहना है जब मालूम हुआ की देशभर में लॉक डाउन  लगा दिया है तब फैक्ट्री के मालिक ने उनसे अपना घर खाली कराने के लिए बोला, लेकिन उनके पास घर जाने तक के लिए भी पैसे नहीं थे जिसकी वजह से उन्हें मजबूरी में पैदल चलकर ही गांव जाने जानें का फैसला लेना पड़ा। वहीं अभी तक वह सहारनपुर से करीब 100 किलोमीटर पैदल चलकर आए हैं।  
स्थानीय निवासी नवीन कुमार व रविंद्र ने बताया शनिवार को मेरठ के सोहराब गेट बस अड्डे पर इस दम्पति को थके हारे  ऐसी हालत में देखा गया था। इस पति पत्नी ने हम लोगों से बातचीत करें हमे अपनी समस्या भी बताई जिसके बाद नौचंदी पुलिस स्टेशन में एक सब इंस्पेक्टर प्रेमचंद को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई। 
वहीं नौचंदी पुलिस स्टेशन  के प्रभावी आशुतोष ने बताया कि नवीन कुमार और रविंद्र और कुछ निवासियों ने मिलकर उन लोगों को खाना और पैसे भी दिए। इसके अलावा पति पत्नी के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई गई। 
उन्होंने आगे बताया कि पति वकील एक कारखाने में काम करता था। उसने 2 दिनों में अपनी 8 महीने की गर्भवती पत्नी के साथ 100 किलोमीटर की दूरी तय करी है वही पत्नी यास्मीन ने पुलिस को बताया वह एक ही कमरे में रहते थे जिसे कारखाने के मालिक ने हमें दिया था, लेकिन उसने हमसे देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही कमरा खाली करने के लिए कहा और हमे गांव जाने के लिए भी पैसे देने से मना कर दिया।  
ऐसे में हमारे पास कोई विकल्प नहीं होने के बाद ये पति-पत्नी गुरुवार को सहारनपुर से अपने गांव पहुंचने के लिए चल पड़े। महिला ने बताया लॉकडाउन के चलते रास्ते में सभी ढाबे और दुकाने बंद थी जिस वजह से इस दम्पति को पिछले दो दिन से खाना नसीब नहीं हुआ।  
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए घोषित किए गए 3 हफ्ते के लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूरों को ऐसी मुश्किल घड़ी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन  बेरोजगार हुए मजदूरों को पैसों की कमी और एक समय का भोजन भी नसीब होने की वहज से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव तक का सफर तय करना पड़ रहा है।
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