Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

यह असम के लोगों की जिम्मेदारी हैं फिर से लागू नहीं हो AFSPA: मुख्यमंत्री

केंद्र सरकार द्वारा असम के 60 प्रतिशत क्षेत्र से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (आफस्पा) को वापस लेने की घोषणा के एक दिन बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा..

08:15 PM Apr 01, 2022 IST | Desk Team

केंद्र सरकार द्वारा असम के 60 प्रतिशत क्षेत्र से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (आफस्पा) को वापस लेने की घोषणा के एक दिन बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा..

केंद्र सरकार द्वारा असम के 60 प्रतिशत क्षेत्र से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) कानून (आफस्पा) को वापस लेने की घोषणा के एक दिन बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि अब शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य के लोगों की है ताकि कानून फिर से लागू न हो। उन्होंने राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए अब तक मुख्य धारा में वापस नहीं लौटे उल्फा (आई) जैसे उग्रवादी संगठनों से भी बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।
केंद्र सरकार ने राज्य के 23 जिलों सबडिविजन
आफस्पा को आंशिक रूप से हटाए जाने पर विधानसभा में बयान देते हुए सरमा ने कहा, ‘‘बेहतर सुरक्षा परिदृश्य और कानून व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य के 23 जिलों और एक सबडिविजन से इस कानून को एक अप्रैल के प्रभाव के साथ वापस लेने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि आफस्पा नौ जिलों और एक सबडिविजन में लागू रहेगा।उन्होंने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया और कहा कि यह राज्य में औद्योगीकरण के एक नए युग की शुरुआत करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आफस्पा को खत्म करने की हमारी मांग लंबे समय से थी और अब यह राज्य के 60 फीसदी हिस्से से खत्म हो गया है। लोगों को अब यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि आफस्पा दोबारा नहीं लगाया जाए।’’
 नवंबर 1990 में राज्य को आफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया
सरमा ने राज्य की दशकों पुरानी उग्रवाद समस्या में मारे गए या घायल हुए सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों को भी याद किया। नवंबर 1990 में राज्य को आफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था और तब से राज्य सरकार की समीक्षा के बाद इसे हर छह महीने में बढ़ाया जाता रहा है। इसे आखिरी बार 28 फरवरी, 2022 को छह महीने के लिए बढ़ाया गया।
Advertisement
Advertisement
Next Article