टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

केरल यह दुकानदार जरूरतमंदो और बुजुर्ग को मुफ्त में देता है सब्जियां

कई सारे लोग बहुत नेक दिल के होते हैं। इनमें से एक नाम Muvattupuzha शामिल हैं जो केरल के फेनाज सिधेक हैं।

10:37 AM Mar 13, 2020 IST | Desk Team

कई सारे लोग बहुत नेक दिल के होते हैं। इनमें से एक नाम Muvattupuzha शामिल हैं जो केरल के फेनाज सिधेक हैं।

कई सारे लोग बहुत नेक दिल के होते हैं। इनमें से एक नाम Muvattupuzha  शामिल हैं जो केरल के फेनाज सिधेक हैं। दरअसल ये शख्स अच्छाई में ज्यादा विश्वास रखते हैं। इसलिए तो इन्होंने जब कक्कांड में एक सब्जी की दुकान खोली तो इन्होंने ये फैसला किया वो कैंसर पेशेंट्स को फ्री में सब्जियां देंगे। वैसे कुछ भी हो उनका ये कदम वाकई काबिले तारीफ है। बता दें कि उनकी दुकान सिर्फ सब्जियां ही नहीं बल्कि उनके पास कुछ और भी बेहद खूबसूरत कहानियां हैं। 
दुआएं देते हैं लोग
सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि एक बुजुर्ग महिला दुकान का बोर्ड पढ़कर उनके पास में आई थी और उन्होंने इनको पूरे हफ्ते कि सब्जियां फ्री में दी। वो इसके लिए बहुत खुश भी हुई। जबकि किसी दुकानदार के इस तरह से दान करना कोई नया नहीं है। तब दादी ने उनसे कहा था कि वो एक हफ्ते तक अपनी फैमिली को सब्जियां पकाकर खिलाएंगी और हां,उन्होंने शुक्रिया कहकर फेनाज के  माथे को चूमा भी था।
खाली हाथ कोई नहीं जाता
हालांकि दुकान के बोर्ड पर साफ-साफ ये जाहिर है कि सब्जियां कैंसर पेशेंट्स को फ्री में दी जाएगी। मगर ये सब्जियां उन सभी को दी जाती है जो बीमार,बूढ़ें और किसी जरूरतमंद इंसान को दी जाएगी। कई गरीब लोग भी इस दुकान पर आते हैं और अपने साथ मेडिकल डॉक्यूमेंट साथ में लाते हैं। तो कुछ डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन भी लाते हैं। जबकि इनमें से कई सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचते हैं कि आखिर मदद कैसे मांगे। मगर खास बात यह है कि इस दुकान पर जो भी आता है वो कभी खाली हाथ नहीं जाता है। 
मिडिल-ईस्ट में भी किया काम
वैसे फेनाज की दुकानों पर सब्जियां कम दमों पर बेची जाती है। फेनाज का कहना है कि पूरे साल सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव चलता रहता है,लेकिन कीमतों में कमी से शायद ही ग्राहकों को फर्क पड़ता होगा।
इस वजह से उन्हें थोड़ा बहुत सस्ता बेचने पर वेंडर को घाटा नहीं होगा। इतना ही नहीं उन्होंने कुछ साल तो मिडिल-ईस्ट में भी काम किया है। इसके बाद वो भारत वापस लौटे और फार्मिंग के क्षेत्र में कदम रखने से पहले उन्होंने एक साल अपनी मार्केट की पढ़ाई भी पूरी करी है। 
Advertisement
Advertisement
Next Article