Maharashtra Politics: संजय राउत ने कहा- शिवसेना का केवल विभाजन नहीं, विनाश चाहती है भाजपा
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह केवल शिवसेना का विभाजन नहीं चाहती..
07:23 PM Jul 08, 2022 IST | Desk Team
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह केवल शिवसेना का विभाजन नहीं चाहती, बल्कि इस क्षेत्रीय पार्टी का विनाश चाहती है ताकि वह महाराष्ट्र को तीन हिस्सों में बांटने के अपने सपने को साकार कर सके। उन्होंने नवगठित एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार को ‘अवैध’ करार दिया। यहां उत्तर महाराष्ट्र में संवाददाताओं से बात करते हुए राज्यसभा सांसद ने शिवसेना के बागी विधायकों पर निशाना साधा और कहा कि वे घर लौट सकते हैं, लेकिन शिव सैनिक यह सुनिश्चित करेंगे कि वे आगामी विधानसभा में जीत नहीं दर्ज कर सकें।
बागी विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह की अलग-अलग वजह बताते
शिवसेना के बागी विधायक पहले 21 जून को मुंबई से सूरत पहुंचे, फिर गुवाहाटी गए और मुंबई लौटने से पहले गोवा में भी रुके। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा कि बागी विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह की अलग-अलग वजह बताते रहे हैं। शिवसेना विधायकों की बगावत के कारण पिछले महीने के अंत में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। राउत ने कहा, ‘‘भाजपा शिवसेना में केवल फूट नहीं डालना चाहती, बल्कि वह पार्टी को नष्ट करना चाहती है। जब तक शिवसेना का अस्तित्व है, वे महाराष्ट्र के तीन भाग करने के अपने सपने को साकार नहीं कर सकते। वे शिवसेना के रहते मुंबई को महाराष्ट्र से मुक्त नहीं कर सकते।’’
मुद्दा छोड़ने के आरोप से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री
राउत ने बागी विधायकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने की अलग-अलग वजह बताते रहे हैं, जिसमें शिवसेना पर हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ने के आरोप से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक पहुंच का दुर्लभ होना और राकांपा (जो एमवीए सरकार के तहत वित्त विभाग संभालती थी) द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्रों को धन आवंटित नहीं करने तक के कारण शामिल हैं।
शिवसेना सांसद ने 30 जून को शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार को ‘अवैध’बताया। राउत ने सवालिया लहजे में कहा कि जब शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता याचिका सर्वोच्च अदालत में लंबित है, तो राज्यपाल विश्वास मत का आदेश कैसे दे सकते हैं। गौरतलब है कि शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने चार जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया था।
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