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'फ्लावर समझ बैठे थे फायर निकला' ओमिक्रॉन वैरिएंट, चौथी लहर से बचाव के लिए WHO ने बताए ये खास उपाय

अभी बस कुछ ही दिन हुए थे कि जब कोरोना वायरस का सितम थोड़ा कम ही हुआ था कि एक बार फिर से ये महामारी फिर से तबाही मचानी शुरू कर दी है।

07:08 PM Mar 21, 2022 IST | Desk Team

अभी बस कुछ ही दिन हुए थे कि जब कोरोना वायरस का सितम थोड़ा कम ही हुआ था कि एक बार फिर से ये महामारी फिर से तबाही मचानी शुरू कर दी है।

अभी बस कुछ ही दिन हुए थे कि जब कोरोना वायरस का सितम थोड़ा कम ही हुआ था कि एक बार फिर से महामारी  ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। जी हां, खबर है कि हाल ही में एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस समय सबसे ज्यादा बुरे दौर से चीन जूझ रहा है, क्योंकि यही वो देश है, जहां एक बार फिर से बेहद खराब हालात देखने को मिल रहे हैं। बताया जा रहा है, अब चीन में रोजाना पांच हजार से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं जिसके चलते कई शहरों में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है।
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वैसे यह आंकड़ा अब पुरे विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है और आशंका तो यह भी जताई जा रही है कि यह कोरोना की चौथी लहर के संकेत हैं। बताया जा रहा यूरोप और एशिया में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट अपना नया रूप लेकर प्रकट हुआ है जिसे बीए.2 (BA.2) या स्टील्थ ओमिक्रॉन  के नाम से जाना जाता है।
 WHO ने कही ये बात 
इन दोनों देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ने पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने जानकारी साझा कर बताया आखिर किस वजह से एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में कोरोना विस्फोट हो रहा है। WHO ने कहा इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना के उस वेरिएंट को हल्के में लेना है। जबकि इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है।
तो आइये जानते हैं अचानक कोरोना के बढ़ते मामलों में हो रहे इजाफे के और क्या कारण हैं और इसकी रोकथाम लिए संगठन ने क्या-क्या उपाय बताए हैं।
 इसमें तेजी से फैलने की क्षमता
डब्ल्यूएचओ द्वारा बताया गया है कि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का एक ऐसा वेरिएंट है जिसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। याद हो, कोरोना का यह वेरिएंट तीसरी लहर का प्रमुख कारण रहा था। हालांकि इसके लक्षण कुछ ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन इसमें तेजी से प्रसारित होने की ताकत है। इसे संगठन ने ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ भी नहीं बताया था।
ओमिक्रॉन  को लेकर WHO ने दी ये चेतावनी
WHO की वैज्ञानिक मारिया वैन करखोव का कहना है ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर गलत जानकारी दी जा रही है, जिस से लोग डर रहे हैं। इस बीच सबसे बड़ी गलत सूचना तो यही है कि ओमीक्रोन हल्का है, गलत सूचना है यह भी है कि महामारी खत्म हो गई है, गलत सूचना है कि यह अंतिम संस्करण है जिससे हमें निपटना होगा। 
-इसके अलावा WHO ने यह भी बताया है कि कोरोना का शिकार ऐसे लोग ज्यादा हो रहे हैं , जिन्होंने वैक्सीन कि डोज पूरी नहीं ली। साथ ही देखा यह भी जा रहा है कि कोरोना के कारण मौत भी ऐसे लोगों की ही हो रही है। संगठन ने साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि टीके लगवाने से गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोका जा सकता है।
वायरस को समझना जरूरी 

वहीं डब्ल्यूएचओ की तरफ से बताया गया आखिर वायरस कैसे विकसित हो रहा है, इसके बारे में जागरूक होने के लिए दुनिया को कोरोना के लिए एक बहुत मजबूत निगरानी प्रणाली की भी आवश्यकता है।  प्रत्येक देश अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन महामारी का खात्मा नहीं हुआ है। अभी भी सतर्क रहने के साथ-साथ टीकाकरण, परीक्षण, अनुक्रम, रोगियों की देखभाल करनी चाहिए।
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