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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाकर क्यों घर नहीं लाते प्रसाद? दर्शन करने से पहले जान लें कुछ जरूरी बातें

भारत में कई सारे ऐसे मंदिर हैं जिनका अपने में काफी ज्यादा महत्व है। यहां दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आते हैं। इसके अलावा कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो रहस्य से भरे हुए हैं।

03:11 PM Apr 08, 2022 IST | Desk Team

भारत में कई सारे ऐसे मंदिर हैं जिनका अपने में काफी ज्यादा महत्व है। यहां दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आते हैं। इसके अलावा कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो रहस्य से भरे हुए हैं।

भारत में कई सारे ऐसे मंदिर हैं जिनका अपने में काफी ज्यादा महत्व है। यहां दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आते हैं। इसके अलावा कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो रहस्य से भरे हुए हैं। जिनकी पीछे कुछ हैरान कर देने वाली रोचक कहानी जुड़ी हुई हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है राजस्थान के दौसा जिले के पास में स्थित मेंहदीपुर बालाजी मंदिर। राजस्थान में स्थित इस मंदिर की काफी विशेषता है। खास बात मंदिर दो पहाड़ियों के बीच में बना हुआ है। भूत-प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए लोग बाला जी महाराज के दर्शन करने के लिए आते हैं। इधर आने पर कई विचित्र चीजें देखने को मिलती हैं।
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ऐसा क्या है मेहंदीपुर बालाजी में?
मेहंदीपुर बालाजी में प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमा है। यहां हर दिन दोपहर में दो बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन किया जाता है। ये कीर्तन उन लोगों के लिए बेहद खास होता है, जो लोग ऊपरी साए का शिकार होते हैं। वहीं दूसरी तरफ मंदिर में आने वालों के लिए कुछ विशेष नियम भी बनाए गए हैं।
इन नियमों को बेहद सख्ती से पालन करना चाहिए अन्यथा इससे भक्तों के ऊपर अतिरिक्त नकारात्मक शक्तियों का असर देखने को मिलता है। इसके अलावा कहा यह भी जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी के प्रसाद को कभी भी घर नहीं लेके  जाना चाहिए।तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ रहस्यमई बातें।
यहां जानिए मेहंदीपुर बालाजी की कुछ रहस्यमई बातें…
1. मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी में मंदिर के किसी भी प्रसाद को नहीं खाना चाहिए। यही नहीं इस प्रसाद को वापस घर लाने से भी मना किया जाता है और आप इसे किसी को दे भी नहीं सकते हैं। कहा जाता है यहां से किसी भी चीज को अपने घर लाने से  आपके ऊपर बुरी साया का असर आ जाता है।
2. इस मंदिर की एक विशेष बात यह भी है कि बालाजी की छाती के बीच में एक छेद है, जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है। मान्यता है कि इसे बालाजी का पसीना बताया जाता है।
3. मेंहदीपुर बाला जी मंदिर में भगवान हनुमान बाल रूप में हैं। जबकि इसके पास में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति है, जिसके हनुमान जी हमेशा दर्शन करते रहते हैं। 
4.  भूत-प्रेत की बाधाओं से निजात पाने के लिए मंदिर में रोजाना 2 बजे कीर्तन होता है। जिसे जाकर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। 
5. कहा यह भी जाता है किसी भी व्यक्ति को मेंहदीपुर बालाजी मंदिर जाने से पहले एक हफ्ते  तक अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है। ये नियम यहां के सभी भक्तों के लिए होता है। 
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