नेपाल ने एक बार फिर उठाया तीन क्षेत्रों का मुद्दा, भारत से निर्माण रोकने के लिए की अपील
भारत की पड़ोसी देश नेपाल ने एक बार फिर लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र का मुद्दा उठाया है।
11:41 PM Jan 16, 2022 IST | Desk Team
भारत की पड़ोसी देश नेपाल ने एक बार फिर लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र का मुद्दा उठाया है। वहां की सरकार ने भारत से कहा है कि, लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल के अभिन्न अंग हैं और भारत से अपील की कि, क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियां बंद कर दे। साथ ही कहा कि वह कूटनीतिक माध्यम के जरिए सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद यह टिप्पणी आई है। भारतीय दूतावास ने कहा था कि नेपाल के साथ सीमा को लेकर भारत का रुख सर्वविदित, सुसंगत है और स्पष्ट है। इस बारे में नेपाल की सरकार को बता दिया गया है।
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भारत सरकार से अपील करती है कि वह नेपाली क्षेत्र में निर्माण बंद करें : कर्की
नेपाल ने अपने बयान में कहा है कि, हमारा मत है कि स्थापित अंतर सरकारी तंत्र और माध्यम वार्ता के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा, हमारे करीबी एवं मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों की भावना के अनुरूप लंबित सीमा मुद्दों का समाधान किया जा सकता है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कर्की ने रविवार को कहा कि नेपाल सरकार इस तथ्य को लेकर दृढ़ और स्पष्ट है कि, महाकाली नदी के पूर्व में स्थित लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्र नेपाल का अभिन्न अंग हैं।नेपाल सरकार के प्रवक्ता कर्की ने कहा, नेपाल की सरकार भारत सरकार से अपील करती है कि वह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सड़कों का निर्माण एवं विस्तार जैसे सभी एकतरफा कदम रोक दे।
विवाद का निपटारा दोस्ताना संबंधों के मुताबिक करने के लिए प्रतिबद्ध है : सूचना मंत्री
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि नेपाल की सरकार दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का समाधान ऐतिहासिक संधि, समझौते, दस्तावेजों और मानचित्र और नेपाल तथा भारत के बीच निकट एवं दोस्ताना संबंधों के मुताबिक करने के लिए प्रतिबद्ध है। लिपुलेख में भारत द्वारा सड़क निर्माण के खिलाफ नेपाल में प्रदर्शन के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया था, जिसमें उसने लिपुलेख होकर सड़क के निर्माण का विरोध किया था।
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