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यूक्रेन के साथ बढ़ते मतभेद को कम करने के लिए रूस ने नाटो अधिकारियों के साथ की बैठक, अमेरिका ने किया नेतृत्व

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बुधवार को रूस और नाटो के वरिष्ठ अधिकारियों ने आपस में बैठक की।

04:54 PM Jan 12, 2022 IST | Desk Team

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए बुधवार को रूस और नाटो के वरिष्ठ अधिकारियों ने आपस में बैठक की।

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए  बुधवार को रूस और नाटो के वरिष्ठ अधिकारियों ने आपस में बैठक की। उच्च स्तर पर जारी कूटनीति एवं यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की आशंका को देखते हुए इसे रोकने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में प्रयासों के बीच यह बैठक हुई। मॉस्को ने यूक्रेन पर हमले की योजना से इंकार किया है लेकिन यूक्रेन और जॉर्जिया में इसकी सैन्य कार्रवाई के इतिहास को देखते हुए नाटो चिंतित है। 
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बैठक में अमेरिका की उप विदेश मंत्री भी रहे मौजूद 
नाटो-रूस परिषद में रूस के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन मॉस्को के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। दो वर्षों में पहली बार यह बैठक आयोजित हुई है। ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन भी मौजूद रहेंगी। बैठक करीब तीन घंटे चलेगी। नाटो-रूस परिषद् का गठन करीब दो दशक पहले हुआ था, जो उनके बीच बातचीत का मुख्य मंच था। लेकिन रूस ने जब यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को 2014 में अपने नियंत्रण में ले लिया उसके बाद पूर्ण बैठक बंद हो गई थी। इसके बाद छिटपुट बैठकें होती रहीं और अंतिम बार जुलाई 2019 में बैठक हुई थी।
यूक्रेन की सीमा पर तैनात है रूस के लाखों सैनिक 
इस समय रूस के करीब एक लाख सैनिक टैंक, तोप और भारी उपकरणों के साथ यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर तैनात हैं। इन सबके बीच बुधवार की बैठक महत्वपूर्ण है लेकिन इसके सफल होने की संभावना कम है। वार्ता की पूर्व संध्या पर एस्टोनिया के रक्षा मंत्री काले लानेट ने सार्वजनिक प्रसारक ईआरआर से कहा, यह पूरी तरह अस्वीकार्य प्रस्ताव हैं। बाल्टिक क्षेत्र में लाटविया और लिथुआनिया की तरह एस्टोनिया भी नाटो की सदस्यता के कारण अमेरिका की तरफ से मिली सुरक्षा गारंटी पर भरोसा करता है। तीनों बाल्टिक देशों पर कभी सोवियत संघ का शासन था लेकिन अब ये यूरोपीय संघ और नाटो का हिस्सा हैं।
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