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Russia Ukraine warः यूक्रेन पर रूस द्वारा हमले से बढ़ेगा चिप संकट, क्या विश्व में ठप होगी सप्लाई

रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर पहले से बाधित आपूर्ति श्रृंखला के और प्रभावित होने की आशंका है। सबसे बुरा प्रभाव जारी चिप संकट पर पड़ सकता है..

05:46 PM Mar 04, 2022 IST | Desk Team

रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर पहले से बाधित आपूर्ति श्रृंखला के और प्रभावित होने की आशंका है। सबसे बुरा प्रभाव जारी चिप संकट पर पड़ सकता है..

रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर पहले से बाधित आपूर्ति श्रृंखला के और प्रभावित होने की आशंका है। सबसे बुरा प्रभाव जारी चिप संकट पर पड़ सकता है। मूडीज एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष का सबसे बड़ा प्रभाव चिप की कमी पर पड़ेगा। इन दोनों देशों की प्रमुख कच्चे माल की आपूर्ति में बड़ी हिस्सेदारी है, जो सेमीकंडक्टर बनाने में काम आता है।
यूक्रेन नियोन की वैश्विक आपूर्ति में 70 प्रतिशत का योगदान देता
रिपोर्ट के अनुसार रूस की पैलेडियम की वैश्विक आपूर्ति में 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि यूक्रेन नियोन की वैश्विक आपूर्ति में 70 प्रतिशत का योगदान देता है। इन दोनों कच्चे मामला का इस्तेमाल प्रमुखता से चिप बनाने में किया जाता है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संकट गहराता है, तो चिप संकट के बुरी तरह प्रभावित होने के आसार है, जो महामारी की शुरुआत से प्रभावित है।
गौरतलब है कि पैलेडियम और नियोन, सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन के प्रमुख घटक है। इनका इस्तेमाल लगभग हर उद्योग…..जैसे मोटर वाहन, मोबाइल फोन और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई अन्य उद्योगों में प्रमुखता से किया जाता है।
सोना, गेहूं जैसी तमाम चीजों की कीमतों में लग सकती है आग
मूडीज के मुताबिक दुनिया में कच्चे तेल की आपूर्ति में रूस की 12 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा नैचुरल गैस की सप्लाई में उसकी 17 फीसदी, कोयले में 5.2 फीसदी और तांबे की सप्लाई में 4.3 फीसदी की हिस्सेदारी है। यह संकट यहीं खत्म नहीं होता। एल्युमिनियम, जिंक, गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम जैसी धातुओं की सप्लाई में भी रूस बड़ी हिस्सेदारी रखता है। गेहूं के निर्यात में भी रूस की 11 फीसदी की हिस्सेदारी है। साफ है कि यह संकट तेल, खाद्यान्न से लेकर धातुओं तक में बढ़ने वाला है। दूसरी तरफ यूक्रेन नियोन सप्लाई में 70 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है, जो संकट बढ़ा सकता है। इससे पहले 2014 में भी जब दोनों देशों के बीच जंग छिड़ी थी तो ऐसा ही संकट देखने को मिला था।
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