श्रीलंकाई लोगों को शरणार्थी का दर्जा देने के लिए तमिलनाडु सरकार ने मांगी कानूनी सलाह
पड़ोसी देश श्रीलंका की हालत खराब है और इतनी खराब है कि अब वहां पर एक आम इंसान का रहना भी मुश्किल हो गया है…
02:54 PM Apr 24, 2022 IST | Desk Team
पड़ोसी देश श्रीलंका की हालत खराब है और इतनी खराब है कि अब वहां पर एक आम इंसान का रहना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में श्रीलंका के हालात का सीधा असर भारत पर भी पड़ना तय है। इसी कड़ी में तमिलनाडु सरकार ने श्रीलंकाई तमिलों को शरणार्थी का दर्जा प्रदान करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से संपर्क किया है। अब तक 60 श्रीलंकाई तमिल धनुषकोडी और रामेश्वरम पहुंच चुके हैं।इनमें से ज्यादातर लोगों को भारतीय तटों तक पहुंचने के लिए अपना सारा सामान, मछली पकड़ने वाली नाव को बेचना पड़ा।
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तमिलनाडु सरकार के सूत्रों ने बताया कि
तमिलनाडु सरकार ने सभी शरणार्थियों के ठहरने की व्यवस्था मंडपम शरणार्थी शिविर में किया है। राज्य को इन लोगों को शरणार्थी का दर्जा देने के लिए केंद्र से हरी झंडी लेनी होगी। तमिलनाडु सरकार के सूत्रों ने बताया कि शरणार्थियों को दर्जा देने के लिए कुछ वरिष्ठ वकीलों से संपर्क किया जा रहा है। वर्तमान में 1 लाख से अधिक श्रीलंकाई तमिल भारत में हैं, जिनमें से अधिकांश तमिलनाडु में हैं, जिन्हें 67 शरणार्थी शिविरों में रखा गया है।
वर्तमान में तमिलनाडु सरकार श्रीलंका से आने वालों को अवैध प्रवासी मानती
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुनर्वास और शरणार्थी शिविरों में रह रहे शरणार्थियों के लिए नकद सहायता में बढ़ोतरी की थी। संशोधित बजट के अनुसार, पहले एक परिवार के मुखिया को 1,000 रुपये मिलते थे, अब 1,500 रुपये मिलेंगे। परिवार के वयस्क सदस्य को 1,000 रुपये और बच्चे को 500 रुपये मिलेंगे।वर्तमान में तमिलनाडु सरकार श्रीलंका से आने वालों को अवैध प्रवासी मानती है, लेकिन उन्हें भोजन और आवास प्रदान कर रही है। उन्हें शरणार्थी का दर्जा प्रदान करने के लिए केंद्र से हरी झंडी की मांग कर रही है।
तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, राज्य सरकार चाहती है कि सभी को शरणार्थी का दर्जा दिया जाए। हमने वरिष्ठ वकीलों से शरणार्थी का दर्जा देने के संबंध में कानूनी सलाह मांगी है। हालांकि, अंतिम मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
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