Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

पाकिस्तान में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख का दावा, IMF के अधीन हो गया है देश का केंद्रीय बैंक

इस्लामाबाद में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक ने सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) अब सरकार के नियंत्रण में नहीं है

04:05 PM Jan 02, 2022 IST | Desk Team

इस्लामाबाद में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक ने सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) अब सरकार के नियंत्रण में नहीं है

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक ने सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) अब सरकार के नियंत्रण में नहीं है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधीन हो गया है। उन्होंने कहा कि,  स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी ) सरकार के नियंत्रण में नहीं है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधीन हो गया है। जेआई प्रमुख ने एसबीपी गवर्नर रेजा बाकिर के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यदि उन्हें हटाया नहीं गया तो हम एसबीपी को घेराव कर सकते हैं।
Advertisement
देश की आय का काफी प्रतिशत ऋणों में जाता है : सिराजुल 
पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जेआई प्रमुख ने प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की भी मांग करते हुए कहा कि, पूरे देश में माफिया राज हैं और 2022 सरकार का आखिरी साल होगा। उन्होंने साथ ही सरकार विरोधी आंदोलन की घोषणा की, जिसका समापन इस्लामाबाद में होगा। सिराज ने ब्याज आधारित आर्थिक व्यवस्था को खारिज करते हुए कहा कि, पाकिस्तान सूदखोरी और भ्रष्टाचार के लिए नहीं बना है। उन्होंने कहा अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित अन्य देशों ने ब्याज दरों को शून्य कर दिया है लेकिन पाकिस्तान की प्रणाली एक साजिश के तहत जंजीर में जकड़ी हुई है क्योंकि उसकी आय का 35 से 45 प्रतिशत ब्याज ऋणों में जाता है।
सरकार इस्लामिक कल्याणकारी राज्य के करती है झूठें दावें 
रिपोर्ट के अनुसार जेआई प्रमुख ने कहा कि, सरकार इस्लामिक कल्याणकारी राज्य के झूठे दावे करती है, जबकि 75 साल का अनुभव बताता है कि देश सर्वजन हितों के साथ विकसित नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि, ब्याज मुक्त व्यापार विधेयक सीनेट द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था, लेकिन सरकार इसे नेशनल असेंबली में पेश नहीं करना चाहती है। पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जेआई प्रमुख ने सरकार की विफलताओं की ओर इशारा किया, जिसमें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ पर पाकिस्तान की अवधारणा से लेकर ‘मिनी-बजट’ की शुरूआत तक शामिल है।
Advertisement
Next Article