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...नहीं थम रहा हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी का सिलसिला! बौद्ध सम्मेलन में अपमान, निशाने पर कांग्रेस

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बौद्ध सम्मेलन में ​कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ लेने के बाद विवाद शुरू हो गया है।

08:24 PM Nov 09, 2022 IST | Desk Team

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बौद्ध सम्मेलन में ​कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ लेने के बाद विवाद शुरू हो गया है।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में बौद्ध सम्मेलन में ​कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ लेने के बाद विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया में वायरल हुए इस वीडियो में शपथ के दौरान कांग्रेस की महापौर समेत पार्टी के दो नेताओं को भी देखा जा सकता है।इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने पुलिस से शिकायत कर कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हालांकि सिंह ने कहा कि इस तरह की शपथ लेने से पहले वह कार्यक्रम से चले गए थे।इस महीने की सात तारीख को राजनांदगांव शहर में राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में रमन सिंह, भाजपा के पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, राजनांदगांव नगर निगम की महापौर मेयर हेमा देशमुख और कांग्रेस नेता तथा स्वर्गीय रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक मौजूद थे।
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हिंदू संगठनों दल ने किया विरोध प्रदर्शन 
कार्यक्रम के अगले दिन समारोह का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें लोगों ने संकल्प लिया, ”मै गौरी गण​पति इत्यादि हिंदू धर्म के किसी भी देवी देवता को नहीं मानूंगा, और न ही उनकी कभी पूजा करूंगा। मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार ​लिया है।”वीडियो में महापौर देशमुख और वासनिक भी मंच पर नजर आ रहे हैं।सोशल मीडिया में वीडियो के वायरल होने के बाद, विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तथा कुछ अन्य संगठनों ने यहां वासनिक के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया और बाद में पुलिस में शिकायत कर ​वासनिक और समारोह का आयोजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यह आयोजन कर सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की गई है।महापौर देशमुख ने कहा कि उन्हें समारोह में आमंत्रित किया गया था और वह इस तरह की प्रतिज्ञा के बारे में पूरी तरह से अनजान थीं। वह इसका समर्थन नहीं करती हैं।
हिंदू देवी-देवताओं का हुआ अपमान 
देशमुख ने कहा, ”राज्य स्तरीय बौध्द सम्मेलन का आयो​जन हुआ था जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह थे। कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठ नेता भी थे। तय किया गया शपथ लेना है। लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। भगवान के बारे में अपमानजनक बातें कही गई तो मैने शपथ नहीं लिया। वीडियो में देख सकते है मैने हाथ नहीं उठाया है। कार्यक्रम के बाद मैं वहां से चली गई। मैं सनातन धर्म को मानती हूं इसलिए अच्छा नहीं लगा कि भगवान का अपमान हुआ है। उस विचारधारा से असहमत हूं।”जब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम की शुरुआत में थे और कुछ देर रूककर चले गए थे। वह शपथ लेने से पहले ही वहां से चले गए थे।इस बीच राजनांदगांव से भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने स्वर्गीय रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष पद से वासनिक के इस्तीफे की मांग की है।पांडेय ने कहा कि राजगामी संपदा न्यास कई मंदिरों का प्रबंधन भी करता है और ऐसी मानसिकता वाला व्यक्ति कैसे उसके अध्यक्ष का पद धारण कर सकता है। 
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