ये हैं 'अमरता का पेड़', फल-फूल से लेकर जड़ तक के है अपने अलग फायदे, हज़ारों साल तक रहता हैं जिंदा
अमृत आज केवल एक दूर की याद बनकर रह गया है। वहीं आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अमरता का पेड़ कहा जाता है। इस पेड़ का स्थान अफ़्रीका है। यह अब यहां से फैल रहा है और कई अन्य देशों में भी अपनी जड़ें जमा चुका है।
10:10 AM Sep 10, 2023 IST | Nikita MIshra
आप पौराणिक लोककथाओं के बारें में जरूर जानते होंगे जिनमें अमृत का जिक्र अक्सर किया जाता है। इस अमृत के असर से व्यक्ति की आयु बढ़ती है। यदि वे सदैव जीवित रहना चाहते हैं तो वे ईश्वर से अमृत की प्रार्थना करेंगे। कलियुग में ऐसा अमृत बस सोचा जा सकता है।
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अमृत आज केवल एक दूर की याद बनकर रह गया है। वहीं आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अमरता का पेड़ कहा जाता है। इस पेड़ का स्थान अफ़्रीका है। यह अब यहां से फैल रहा है और कई अन्य देशों में भी अपनी जड़ें जमा चुका है।
क्या हैं बाओबाब पेड़ की खासियत?
बहुत से चीज़ों में हैं फायदेमंद
इस विशेष वृक्ष के तीन सौ से अधिक उपयोग हैं। इसके फल और तने से लेकर इसकी जड़ें भी बहुत फायदेमंद होती हैं। इसी कारण से इसे “जीवन देने वाला पेड़” का दर्जा दिया गया है। अमरता का वृक्ष इसका दूसरा नाम है। अगर हम इसके अस्तित्व पर चर्चा करें तो यह पेड़ दो अरब साल पुराना माना जाता है। कुछ यूरोपीय एक्सप्लोरर्स के अनुसार, ये पेड़ लगभग 5,000 वर्षों तक जीवित रहते हैं। जबकि अन्य का दावा है कि यह तीन हजार वर्षों से अस्तित्व में है।
रात में खिलता हैं केवल ये फूल
बाओबाब का पेड़ बहुत बड़ा है। कुछ पेड़ 100 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं। चूँकि वे इतने बड़े हैं, असंख्य प्राणियों ने उनकी छाया में घर बना लिया है। अफ़्रीकी इकोसिस्टम भी बाओबाब पेड़ों पर बहुत अधिक निर्भर है। ये मिट्टी की कोमलता को बनाए रखने और मिट्टी के कटाव को कम करने में सहायता करते हैं। आइए अब हम आपके साथ इस पेड़ की एक अनोखी विशेषता बताते हैं। यह पेड़ केवल रात में ही खिलता है, और इसमें एक अनोखी किस्म के सफेद फूल होते हैं। अगले 24 घंटों में यह फूल मुरझा भी जाता है जो इस पेड़ के चर्चा में होना का एक अहम कारण भी मन जाता हैं।
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