ट्रैफिक पुलिस के इस नेक काम के मुरीद हुए लोग, इस तरह गरीब बच्चे की पढ़ाई करने में करता है मदद
पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर सभी लोगों के दिलों में डर पैदा हो जाता है। मगर बहुत बार ऐसा होता है जब पुलिस दिल जीत लेने वाला काम कर देती है। ऐसा ही दिल जीत लेने वाला काम हाल ही में कोलकाता के एक ट्रेफिक पुलिसकर्मी ने कर दिखाया है। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
05:05 PM Apr 16, 2022 IST | Desk Team
पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर सभी लोगों के दिलों में डर पैदा हो जाता है। मगर बहुत बार ऐसा होता है जब पुलिस दिल जीत लेने वाला काम कर देती है। ऐसा ही दिल जीत लेने वाला काम हाल ही में कोलकाता के एक ट्रेफिक पुलिसकर्मी ने कर दिखाया है। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
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वहीं इस तस्वीर के साथ एक लंबी छोड़ी सी पोस्ट भी लिखी गई है, जिसे पढ़कर आपका दिल ख़ुशी से झूम उठेगा। दरअसल, हुआ कुछ ऐसा की एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी गरीब बच्चे की मदद के लिए टीचर बन गया है। जी हां, इस बच्चे को पढ़ाने के लिए वह रोजाना सड़क किनारे अपनी क्लास लगाता है और बच्चे को पढ़ाता है।
इंटरनेट पर पोस्ट की गई इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी सड़क किनारे किताब लेकर बैठे एक छोटे से बच्चे को पढ़ाता दिखाई दे रहा है। वहीं जिस किसी ने भी इस पोस्ट की गई तस्वीर को देखा वो ट्रैफिक पुलिसकर्मी का मुरीद हो गया है।
फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा?
इस पोस्ट में लिखा गया, शिक्षक सिपाही। जब कभी उनकी बल्लीगंज आईटीआई के पास ड्यूटी होती है। तब साउथईस्ट ट्रैफिक गार्ड के सार्जेंट प्रकाश घोष अक्सर अपने पास सड़क पर खेलते हुए लगभग साल 8 के लड़के को देखते थे। वहीं इस छोटे बच्चे कि मां सड़क किनारे होटल में काम करती है और अपने बेटे के अच्छे जीवन की उम्मीद में सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए बहुत मेहनत की है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट के मुताबिक मां और बेटे दोनों फुटपाथ पर रहते हैं। पर मां को इस बात की पूरी उम्मीद है कि उसका बेटा गरीबी की बेड़ियों से मुक्त होकर दुनिया पर अपनी छाप छोड़ेगा। हालांकि, कक्षा 3 के छात्र की पढ़ाई में रुचि कम हो रही थी। ऐसे में मां की चिंता ज्यादा बढ़ गई।
वहीं पुलिसकर्मी सार्जेंट घोष से मां ने उन चिंताओं के बारे बातचीत की। इसके बाद उन्होंने मदद करने का वादा किया। बता दें, ये पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी करते हुए वो पहले सड़क के यातायात को स्थिर करता है। उसके बाद किनारे आकर बच्चे पढ़ाई करवाता है।
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