West Bengal: CM ममता को राज्यपाल धनखड़ ने लिखी चिट्ठी, बंगाल की कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए बुलावा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था की स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए इस सप्ताह आमंत्रित किया …
09:03 PM Mar 29, 2022 IST | Desk Team
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था की स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए इस सप्ताह आमंत्रित किया है। धनखड़ ने मंगलवार को अपने पत्र में दावा किया कि राज्य में शासन की स्थिति ‘‘तनावपूर्ण’’ है और बीरभूम में हत्याओं में देखी गयी बर्बरता से और तनावपूर्ण हो गयी है।
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राज्यपाल ने बनर्जी…..
धनखड़ ने बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हाल की चिंताजनक घटनाएं बढ़ती अराजकता और हिंसा को दर्शाती है, जिससे यह अनिवार्य हो जाता है कि आप राजभवन से बातचीत करने के लिए जल्द से जल्द समय दें।’’ इस पत्र की प्रति राज्यपाल ने अपने ट्वीट के साथ साझा की है। राज्यपाल ने बनर्जी की हालिया उस टिप्पणी पर भी चिंता जतायी कि अगर सीबीआई भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर घटना की जांच करती है तो उनकी पार्टी सड़कों पर उतरेगी।
धनखड़ ने कहा…
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की जांच आपकी राय के अनुसार न होने पर ‘सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन’ करने के सार्वजनिक तौर पर दिए गए आपके बयान को लेकर चिंतित हूं…प्रदर्शन का कोई भी तरीका वैध होना चाहिए न कि सड़कों पर प्रदर्शन करना चाहिए।’’ धनखड़ ने कहा, ‘‘संविधान एवं कानून के नजरिए से राज्य में पहले से ही तनावपूर्ण शासन रामपुरहाट में बर्बर घटनाओं से हाल में और तनावपूर्ण हो गया है।’’
विधानसभा में हुआ था जमकर हंगामा
दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीरभूम हिंसा को लेकर जमकर बवाल हुआ। यहां बीजेपी और टीएमसी विधायकों के बीच मारपीट के वीडियो सामने आए। दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा टीएमसी विधायक की तरफ से एक विवादित बयान भी सामने आया। जिसमें वो बीजेपी समर्थकों को धमकी देते हुए नजर आ रहे हैं। इसे लेकर बीजेपी सांसद चुनाव आयोग में शिकायत करने पहुंचे।
बता दें कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार 22 मार्च को कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना में दो बच्चों समेत 8 लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी। बताया गया कि घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के बाद बदला लेने की भावना से हुई।
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