रेखा सरकार के सौ दिन
वैभव की हमेशा दीवानी रही दिल्ली केवल एक महानगर का नाम नहीं है, दिल्ली देश…
वैभव की हमेशा दीवानी रही दिल्ली केवल एक महानगर का नाम नहीं है, दिल्ली देश की पहचान है और देश का प्राण है। यह अलग बात है कि दिल्ली में एक नहीं कई दिल्लियां हैं। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, दिल्ली छावनी, दिल्ली सदर, हर दिल्ली के अपने रंग हैं। न जाने दिल्ली के पानी की तासीर कैसी है कि यहां का पानी जो एक बार पी लेता है वह दिल्ली वाला हो जाता है। हर दिल्ली का अपना एक रंग है। अमीर, मध्यम वर्ग और गरीब सबको दिल्ली ने बसाया हुआ है। देशभर के कोने-कोने से आए लोग दिल्ली को अपनी पनाहगाह बना लेते हैं। दिल्ली किसी को भूखा नहीं सोने देती। रोजमर्रा की चुनौतियों के बावजूद दिल्ली सबको रोजगार देती है। महानगर में एक तरफ बहुमंजली इमारतें हैं तो दूसरी तरफ झुग्गी बस्तियां भी हैं। लाखों लोग दिल्ली की अवैध बस्तियों में रहते हैं। दिल्ली वालों ने दिग्गज नेताओं की सरकारें देखी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि िपछले कुछ दशकों से दिल्ली का स्वरूप काफी बदला है। लगातार बढ़ती आबादी के बोझ तले दबती गई दिल्ली के बुनियादी ढांचे को लेकर बहुत सारे सवाल खड़े होते रहे हैं।
दिल्ली वालों ने अपने-अपने ढंग से सरकारों का आकलन भी किया है। अब जनता की कसौटी पर है दिल्ली की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आैर उनका मंत्रिमंडल। किसी भी सरकार के कार्यकाल के लिहाज से 100 दिन अधिक नहीं होते लेकिन 100 दिनों में किसी भी सरकार के संकल्पों का पता जरूर चल जाता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने 100 दिन पूरे कर िलए हैं। इन 100 दिनों का विश्लेषण किया जाए तो सरकार जनता के लिए काम करने वाली सरकार की छवि पेश करने में सफल रही है। लोगों को परिवर्तन का एहसास सड़कों के निर्माण, स्वच्छता, मार्गों के अतिक्रमण हटाने आदि अभियानों को देखकर जनता को यह उम्मीद बंधी है कि सरकार उनके लिए काम कर रही है। गरीब बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत कार्ड जारी कर दिए गए हैं। दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या यमुना की गंदगी रही है। दिल्ली सरकार ने यमुना में गिरने वाले नालों पर एसटीपी बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा 400 देवी बसें चलाई गई हैं। दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों में जीपीएस लगा कर झुग्गी क्लस्टर में जल व्यवस्था सुधारी गई है। समर एक्शन प्लान लाकर पूरी दिल्ली की जल सप्लाई में भी सुधार लाया गया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का विकास शुरू कर दिया गया है, यहां लोगों को दवा के साथ सभी स्वास्थ्य जांच एवं एक्स-रे की सुविधा मुफ्त मिलेगी। दिल्ली की सड़कों पर परिवर्तन साफ दिख रहा है। महिला सम्मान राशि पर नीतिगत निर्णय हो गया है। सरकार द्वारा लाये दिल्ली शिक्षा एक्ट से अभिभावकों की उम्मीद बढ़ी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश कर िदया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने गरीब महिलाओं को 2500 रुपए महीना आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था। भाजपा की जीत में इस ऐलान का महत्वपूर्ण योगदान माना गया था। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आैर छत्तीसगढ़ के चुनावों में भाजपा की जीत में ऐसी ही योजनाओं की बड़ी भूमिका रही है। सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि महिला समृद्धि योजना के लिए योग्यता या पात्रता का पैमाना क्या हो? यह नीतिगत फैसला तो पहले से ही ले लिया गया था कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की एक महिला को 2500 रुपए दिए जाएंगे लेकिन ऐसे भी परिवार हैं जहां एक से ज्यादा पात्र महिलाएं हैं। जनकल्याण की योजनाएं तभी फलीभूत होती हैं जब इनका फायदा अधिक से अधिक लोगों को मिले। संयुक्त परिवारों या ज्वाइंट फैमिली में बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों, पोते-पोतियों के साथ रहते हैं इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि पहले परिवार की परिभाषा तय की जाए। यह भी पता चला है कि परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और बच्चों के रूप में तय की जाएगी इसलिए अगर माता-पिता अपने विवाहित बेटे या बेटी के साथ रहते हैं तब परिवार को इस हिसाब से तय किया जाएगा। जिससे यह होगा कि कोई सास या बहू (मां या बेटी) दोनों ही इस योजना का फायदा उठा सकें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी अब इस योजना की पात्रता तय करने के लिए चर्चा कर रही है। इस योजना के लिए अन्य नियम भी तय किए जाएंगे। उनके तहत परिवार की सलाना आय ढाई लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली के सभी 11 जिलों के लिए खास प्लान बनाया है जिससे आम आदमी को फायदा होगा। सभी जिलों में जल्द ही विवाह पंजीकरण, जाति प्रमाण पत्र, लाइसैैंस और जन शिकायत समाधान जैसी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकेंगी। सभी अधिकारियों को जमीनी स्तर पर वास्तविक समय की प्रगति सुनिश्चित करने और जनता के साथ खुला संवाद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था बनाना है जो पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक हितैषी हो। इन सबके बावजूद दिल्ली में कई चुनौतियां बरकरार हैं। बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या, प्रदूषण की समस्या, अस्पतालों की खस्ता हालत आैर कूड़े के पहाड़ों को खत्म करना। दिल्ली की 2 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए पेयजल उपलब्ध कराना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। राजधानी का सीवर सिस्टम 50 साल पुराना है आैर शहर में व्यापक तकनीकी योजना और आधुनिक तकनीक के साथ आधुनिक सीवरेज सिस्टम बिछाने की जरूरत है। रेखा गुप्ता सरकार विकास की गति को बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। जनता को उम्मीद बंधी है कि दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में राजधानी को विश्व स्तरीय बनाने के लिए ठोस परियोजनाओं के साथ सामने आएगी।