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सामने आया खौफनाक मंजर, सड़क पर एक साथ मरे हुए नज़र आए 1000 पक्षी, लोगों के बीच डर का माहौल

01:12 PM Oct 08, 2023 IST | Khushboo Sharma

जब मौसम बदलता है, तो प्रवासी पक्षी आमतौर पर आते-जाते रहते हैं। हालाँकि, अमेरिकी शहर शिकागो में एक अजीबोगरीब घटना घटी। सुबह जब लोग उठे तो सड़कों पर हजारों की संख्या में मृत पक्षी मिले।

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यह देखकर लोग हैरान हो गए कि आखिर क्या हुआ, क्योंकि शाम के वक्त इलाके में एक भी पक्षी नजर नहीं आ रहा था। स्थानीय लोगों द्वारा जिन पक्षियों को अस्पताल ले जाया गया उनमें से कई की पहले ही मौत हो चुकी थी। इसके पीछे की वजह वैज्ञानिक ने समझाई है जो कि सुनने में काफी अजीब लगता है।

क्या है ये अजीबोगरीब मामला?

एक पोस्ट के मुताबिक, गुरुवार सुबह शिकागो के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर मैककॉर्मिक प्लेस के एक मील के भीतर पक्षियों को मृत पाया गया। इससे अधिकारियों को एहसास हुआ कि एक भयानक नरसंहार हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे कि मरे हुए पक्षियों का एक कारपेट बिछा हुआ हो। ऐसा प्रतीत होता है कि कन्वेंशन सेंटर की ऊंची इमारत से टकराने पर सभी पक्षी घायल हो गए और बाद में वे सभी मर गए। एक बयान के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि प्रति वर्ष एक अरब पक्षी कांच की खिड़कियों से टकराकर खत्म हो जाते हैं, यह भी दावा किया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पक्षी कांच में अपनी रिफ्लेक्शन देख सकते हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही होने की संभावना हो सकती है।

खिड़की से टकराकर सिर्फ नाजुक पक्षी दम तोड़ते है

हालांकि लोग अभी इस दावे को मानने को तैयार नहीं हैं। वेस्टर्न ओंटारियो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रेंडन सैमुअल्स के अनुसार, खिड़की से टकराने वाला हर पक्षी नहीं मरता। पक्षियों का कांच से टकराना एक आम दृश्य है। इसके बाद वे कुछ देर तक उड़ते रहते हैं। वर्षा और पतझड़ के महीनों में अधिकतर पक्षियों की मृत्यु हो जाती है। हवा, बारिश और कोहरे जैसी अलग-अलग स्थितियों की वजह से भी जान जा सकती है। जितना कि कांच की खिड़कियों की बात है तो जब पक्षी जब शीशे में अपनी रिफ्लेक्शन देखते हैं तो वे अचानक डर जाते हैं और जमीन पर गिर पड़ते हैं। कोई-कोई नाजुक होने के कारण तुरन्त मर जाते हैं। इस कारण से ऐसी ही कुछ बिल्डिंग्स की लाइट्स को बंद नहीं करना चाहिए।

पिछले 40 सालों में पहली बार हुआ

शिकागो बर्ड कोलिजन मॉनिटर्स के निदेशक एनेट प्रिंस के अनुसार, हर साल लगभग 15 लाख पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करते हैं। इनमें अमेरिकन वुडकॉक, हर्मिट थ्रश और टेनेसी वॉरब्लर जैसे सोंगबर्ड्स मौजूद हैं। उन्होंने बोला कि पिछले 40 वर्षों में, हमने कभी भी मैककॉर्मिक में जो हुआ उसके जैसा कुछ भी नहीं देखा था। ऐसा माना जाता है कि उच्च तीव्रता वाला प्रवासन, प्रतिकूल उड़ान मौसम और 583,000 वर्ग फुट ग्लास मैककॉर्मिक प्लेस से आने वाली चमकदार रोशनी ने इस दुखद घटना को अंजाम दिया है।

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