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शिवसेना के 12 सांसदों ने शिंदे के प्रति दिखाई निष्ठा

महाराष्ट्र विधानसभा के बाद उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को मंगलवार को एक और झटका लगा जब उसके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति निष्ठा दिखाई और राहुल शेवाले को निचले सदन में अपना नेता घोषित कर दिया।

11:41 PM Jul 19, 2022 IST | Shera Rajput

महाराष्ट्र विधानसभा के बाद उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को मंगलवार को एक और झटका लगा जब उसके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति निष्ठा दिखाई और राहुल शेवाले को निचले सदन में अपना नेता घोषित कर दिया।

महाराष्ट्र विधानसभा के बाद उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को मंगलवार को एक और झटका लगा जब उसके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति निष्ठा दिखाई और राहुल शेवाले को निचले सदन में अपना नेता घोषित कर दिया।
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शिवसेना के बागी गुट के नेता शेवाले ने दावा किया कि उन्होंने ठाकरे की इच्छा के अनुसार भाजपा के साथ गठबंधन किया है, जो खुद पिछले साल जून में इसी तरह के प्रयास कर रहे थे लेकिन बाद में पीछे हट गए थे।
हालांकि, शिवसेना के ठाकरे धड़े ने शेवाले के दावों को खारिज किया।
बारह लोकसभा सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी पत्र लिखकर दो बार सांसद रहे शेवाले को अपना नेता घोषित करते हुए विनायक राउत पर अविश्वास व्यक्त किया और पांच बार की सदस्य भावना गवली को मुख्य सचेतक के रूप में बनाए रखा।
यह पत्र ठाकरे खेमे द्वारा अध्यक्ष को पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद आया जिसमें कहा गया था कि विनायक राउत लोकसभा में पार्टी के नेता हैं और राजन विचारे मुख्य सचेतक हैं। इसने अध्यक्ष से प्रतिद्वंद्वी गुट के किसी भी निवेदन पर विचार नहीं करने का भी आग्रह किया था।
शिंदे ने 12 लोकसभा सदस्यों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष ने निचले सदन में शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दे दी है।
हालांकि इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई।
शिंदे ने जोर देकर कहा कि 12 लोकसभा सदस्य बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों का पालन कर रहे हैं और वे असली शिवसेना हैं।
यह भी पता चला है कि गुट ने संसद में संसदीय दल के कार्यालय पर भी दावा पेश किया है।
शिंदे ने कहा, ‘‘शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों द्वारा हमें समर्थन देने के लिए उठाए गए कदम का मैं स्वागत करता हूं। हमारे रुख (भाजपा के साथ गठबंधन के) को 50 विधायकों ने समर्थन दिया। हमें पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ राज्य के लोगों का भी समर्थन मिला।’’
मुंबई दक्षिण मध्य से दो बार सांसद रहे शेवाले ने कहा कि शिवसेना के सांसदों ने पिछले साल जून में ठाकरे को भाजपा के साथ इस आधार पर फिर से जुड़ने के लिए कहा था कि अगर कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन जारी रहा तो उनके लिए 2024 का संसदीय चुनाव जीतना मुश्किल होगा।
शेवाले ने दावा किया कि ठाकरे ने शिवसेना के सांसदों से कहा था कि वह भी भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के इच्छुक हैं और पिछले साल उस दिशा में काफी प्रयास किए थे। हालांकि, पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किए जाने के फैसले ने भाजपा के साथ गठबंधन को बहाल करने की शिवसेना की इच्छा की ईमानदारी के बारे में भाजपा में संदेह पैदा कर दिया।
उन्होंने कहा कि ठाकरे ने सांसदों को तीन विकल्प दिए थे – भाजपा के साथ गठबंधन, अकेले जाना और कांग्रेस तथा राकांपा के साथ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन जारी रखना।
शेवाले ने कहा, ‘हमने ठाकरे द्वारा सुझाए गए पहले विकल्प को ही चुना है।’
शिवसेना के ठाकरे गुट ने इस दावे को खारिज किया।
पार्टी की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘सांसदों की बैठक में श्री उद्धव जी के पिछले गठबंधन में वापस लौटने की कोई बात नहीं थी, इसलिए यह छल को सही ठहराने के लिए आक्षेप है।’
लोकसभा में शिवसेना के 19 सदस्य हैं, जिनमें दादरा और नगर हवेली से एक और राज्यसभा में इसके तीन सदस्य हैं।
शिंदे को समर्थन देने वाले सदस्यों में शेवाले, भावना गवली, सदाशिव लोखंडे, हेमंत गोडसे, हेमंत पाटिल, राजेंद्र गावित, संजय मंडलिक, श्रीकांत शिंदे, श्रीरंग बार्ने, प्रतापराव जाधव, धैर्यशील माने और कृपाल तुमाने शामिल हैं।
ठाकरे के साथ लोकसभा सदस्य विनायक राउत, राजन विचारे, ओमराजे निंबालकर, संजय जाधव, गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत और कलाबेन डेलकर हैं। राज्यसभा सदस्य संजय राउत, अनिल देसाई और चतुर्वेदी ठाकरे के साथ हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र में पुलिस ने शिवसेना सांसद कृपाल तुमाने और कुछ अन्य शिवसेना सांसदों के कार्यालय की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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