पहलगाम हमले में मारे गए मंजीनाथ की मां ने कहा—प्रधानमंत्री मोदी पर है भरोसा
मंजीनाथ की मां का प्रधानमंत्री मोदी पर अटूट विश्वास
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए मंजीनाथ राव की मां ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सही नाम बताते हुए कहा कि पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उनके परिवार को उम्मीद थी कि मोदी जी ठोस कदम उठाएंगे।
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले कर्नाटक निवासी मंजीनाथ राव की मां ने केंद्र सरकार के जवाबी सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” को उपयुक्त और सही नाम बताया है। 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें मंजीनाथ भी शामिल थे। उनके परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया है और कहा है कि भारत सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है, वह न सिर्फ निर्णायक है बल्कि शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी है। “हम आशा कर रहे थे कि मोदी जी ठोस कदम उठाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर एक उपयुक्त नाम है,” मंजीनाथ की मां ने ANI से बातचीत में कहा।
“जैसे कोई बुरा सपना”: पत्नी की आंखों में आज भी अधूरापन
मंजीनाथ राव अपने परिवार के साथ टूर पैकेज के तहत जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। 22 अप्रैल को जब आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, तब मंजीनाथ भी गोलीबारी की चपेट में आ गए। उनकी पत्नी पल्लवी मंजीनाथ ने कहा, “यह एक बुरा सपना है, मैं चाहती हूं कि इससे जाग जाऊं। किसी भी परिवार के साथ ऐसा न हो। आतंकवादी सिर्फ पुरुषों को निशाना बना रहे थे।” अंतिम संस्कार के दौरान उनका दर्द साफ झलक रहा था।
“जैसे कोई बुरा सपना”: पत्नी की आंखों में आज भी अधूरापन
भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस मिशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया। विशेष सटीक बमों की मदद से किए गए इन हमलों में बहावलपुर, मुरिदके, सरजल और महमूना जौया जैसे महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट किया गया। ये जगहें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ी थीं।
1971 के बाद पाकिस्तान की जमीन पर भारत की सबसे बड़ी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, यह 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान की निर्विवाद भूमि पर भारत की सबसे गहरी सैन्य कार्रवाई है। इस मिशन में थल सेना, वायु सेना और नौसेना की संयुक्त भूमिका रही। भारत सरकार का उद्देश्य आतंकियों को पालने-पोसने वालों को स्पष्ट संदेश देना है कि अब सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और रणनीतिक संदेश है। यह दर्शाता है कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब सख्ती से देने को तैयार है, चाहे वह सीमा के इस पार हो या उस पार।