15 August Songs Lyrics: इन शानदार गीतों से मनाएं देश की आज़ादी का महोत्सव
15 August Songs Lyrics: भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day )बड़े गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारे देश की आज़ादी की याद दिलाता है, जब 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई थी। इस खास मौके पर झंडा फहराने, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ एक और चीज़ जो इस दिन को खास बनाती है, वह हैं देशभक्ति गीत।
Independence Day मनाना सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि अपने देश के प्रति प्यार और गर्व को महसूस करने का दिन है। जब देशभक्ति से भरे गीत बजते हैं, तो हर भारतीय का दिल देश के लिए जोश और भावना से भर उठता है। ये गाने हमें देश के वीरों की कुर्बानियों की याद दिलाते हैं और देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हैं।
हर मौके को बनाते हैं खास
चाहे स्कूल की परेड हो, ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन या फिर घर पर परिवार के साथ दिन बिताना हो – देशभक्ति गीत हर जगह एक खास माहौल बना देते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग इन गानों के जरिए देशप्रेम को महसूस करते हैं।
15 August Songs Lyrics 2025: कुछ शानदार देशभक्ति गीत
Independence Day 2025 के मौके पर आप भी अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ शानदार देशभक्ति गीत सुन सकते हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध देशभक्ति गीतों की सूची दी जा रही है, जिन्हें आप अपने सेलिब्रेशन में शामिल कर सकते हैं:
1. ऐ मेरे वतन के लोगों
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी सांस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई गुरखा, कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
थी खून से लथपथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवाके
जब अन्त समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।
2. सारे जहां से अच्छा
सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिस्तां हमारा।
ग़़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहाँ हमें भी दिल हो जहां हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया-ए-आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा।
गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियां
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनां हमारा।
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन हैं याद तुझको?
उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम, वतन है हिंदोस्ताँ हमारा।
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहां से
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा।
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा।
'इक़बाल'! कोई महरम अपना नहीं जहां में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहां हमारा!
3-मेरे देश की धरती
आ..आ..आ..
हो..ओ…हो..ओ..
मेरे देश की धरती…
मेरे देश की धरती… सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती, मेरे देश की धरती — दो बार
दोहराव:
आ..आ..आ..
हो..ओ…हो..ओ..
पहला अंतरा:
बैलों के गले में जब घुंघरू, जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोसों दूर हो जाता है, खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुनके रहट की आवाजें, यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के, दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मुखड़ा (दोहराव):
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती
दूसरा अंतरा:
जब चलते हैं इस धरती पे हल, ममता अंगड़ाइयां लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को, जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जन्म लिया, उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नहीं, है सब पे माँ उपकार तेरा
मुखड़ा (दोहराव):
मेरा देश की धरती... सोना उगले, उगले हीरे मोती...
तीसरा अंतरा:
ये बाग़ है गौतम—नानक का, खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक—ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरी सिंह नलवे से, रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगत सिंह, रंग अमन का वीर जवाहर से
फाइनल मुखड़ा (दोहराव):
मेरे देश की धरती... सोना उगले, उगले हीरे मोती... मेरे देश की धरती...
4. दिल दिया है जान भी देंगे
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
(दोहराएं…)
तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
(दोहराएं…)
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा, मजहब नहीं इल्जाम है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियाँ
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूट रहे हैं आप वो, अपने घरों को लूटकर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियाँ
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
(दोहराएं…)
5. मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओये
रंग दे बसंती चोला, मायें रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना, सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी, अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओये
रंग दे बसंती चोला, मायें रंग दे बसंती चोला
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले, अपनी जान पे
जिसे पहन झांसी की रानी, मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला, हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला