बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया खेमे के कांग्रेस के 16 बागी विधायकों ने पुन: भेजा अध्यक्ष को इस्तीफा
बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया खेमे के मध्यप्रदेश कांग्रेस के 16 बागी विधायकों ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र फिर से भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिस प्रकार शनिवार को इनके छह विधायक साथियों के त्यागपत्र मंजूर किए गए हैं, उसी प्रकार ये इस्तीफे भी मंजूर किए जाएं।
09:03 PM Mar 15, 2020 IST | Shera Rajput
बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया खेमे के मध्यप्रदेश कांग्रेस के 16 बागी विधायकों ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र फिर से भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिस प्रकार शनिवार को इनके छह विधायक साथियों के त्यागपत्र मंजूर किए गए हैं, उसी प्रकार ये इस्तीफे भी मंजूर किए जाएं।
16 विधायकों ने 15 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को त्यागपत्र लिखा।
मालूम हो कि इससे पहले प्रजापति ने छह विधायकों के त्यागपत्र शनिवार शाम को मंजूर कर लिए थे। सिंधिया खेमे के ये छह विधायक कमलनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री भी थे। कांग्रेस से बागी हो ये 22 विधायक पहले ही अपने त्यागपत्र दे चुके हैं लेकिन फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष ने 16 विधायकों के त्यागपत्र पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
विधानसभा अध्यक्ष को 15 मार्च को लिखे 16 विधायकों के त्यागपत्र की भाषा एक जैसी ही है।
रविवार को पुन: अपने त्यागपत्र भेजने वाले 16 विधायकों नाम जजपाल सिंह जज्जी :अशोकनगर:, ब्रजेन्द्र सिंह यादव :मुंगावली:, रणवीर सिंह जाटव :गोहद:, कमलेश जाटव :अंबाह:, गिरीराज दंडोतिया :दिमनी:, मनोज चौधरी :हाटपिपल्या:, ओपीएस भदौरिया :मेहगांव:, रक्षा संतराम सिरोनिया :भांडेर:, सुरेश धाकड़ :पोहरी:, राज्यवर्धन सिंह :बदनावर:, बिसाहूलाल सिंह :अनूपपुर:, हरदीप सिंह डंग :सुवासरा:, जसमंत सिंह जाटव :करैरा:, मुन्नालाल गोयल :ग्वालियर पूर्व: रघुराज कंषाना :मुरैना: और ऐदल सिंह कंषाना :सुमावली: हैं।
सिंधिया के करीबी पंकज चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे स्वीकार करने का अनुरोध किया है। विधायकों ने इन त्यागपत्रों को मेल और अन्य माध्यमों से स्पीकार को भेजा है।’’
मालूम हो कि कांग्रेस द्वारा उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये।
उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
राज्यपाल ने सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद सरकार को विश्वासमत पर मत विभाजन कराने के निर्देश दिए हैं।
विधानसभा सत्र के 16 मार्च को सोमवार का दिन अहम होने के चलते कांग्रेस ने अपने विधायक जयपुर से आज वापस भोपाल बुला लिए हैं जबकि भाजपा के विधायकों के देर रात को गुरुग्राम से भोपाल लौटने की संभावना है।
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