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1992-93 Riots: SC ने कहा- 168 लोगों के कानूनी वारिसों को मुआवजे का भुगतान किया गया?

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को यह बताने को कहा कि क्या मुंबई में 1992-93 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान लापता बताए गए 168 लोगों के कानूनी वारिसों को मुआवजे का भुगतान किया गया

07:06 PM Aug 30, 2022 IST | Desk Team

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को यह बताने को कहा कि क्या मुंबई में 1992-93 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान लापता बताए गए 168 लोगों के कानूनी वारिसों को मुआवजे का भुगतान किया गया

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को यह बताने को कहा कि क्या मुंबई में 1992-93 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान लापता बताए गए 168 लोगों के कानूनी वारिसों को मुआवजे का भुगतान किया गया?शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या ये 168 लोग उन करीब 900 लोगों में शामिल हैं जिनकी पहचान दंगा पीड़ितों के तौर पर की गई थी।
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पीठ ने कहा, “हमें जानकारी चाहिए होगी
न्यायमूर्ति एस. के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी चाहिए कि क्या संपत्ति के नुकसान के लिए किसी मुआवजे का भुगतान किया गया था, अगर हां, तो भुगतान कब किया गया और घटना की तारीख तथा मुआवजे के भुगतान के बीच समय अंतराल कितना था।पीठ में न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, “हमें जानकारी चाहिए होगी : क्या लापता बताए जा रहे 168 लोगों का आंकड़ा, पीड़ितों की तौर पर पहचाने गए 900 लोगों में शामिल है। क्या लापता पाए गए लोगों के कानूनी वारिसों को किसी मुआवजे का भुगतान किया गया?”
पीठ ने कहा कि उसके समक्ष पेश चार्ट के मुताबिक….    
1992-93 के दंगा पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान समेत विभिन्न मुद्दों से जुड़ी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष अदालत ने पीठ द्वारा मांगी गई जानकारियों के साथ राज्य सरकार से दो हफ्तों के अंदर एक हलफनामा दायर करने को कहा।पीठ ने कहा कि उसके समक्ष पेश चार्ट के मुताबिक, हिंसा में 900 लोग मारे गए थे।पीठ ने कहा, “168 लोग लापता हुए थे। सात साल की अवधि के बाद, उनके परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए था।” राज्य की तरफ से पेश हुए वकील ने पीठ को बताया कि 17 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।
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