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ब्रिटेन से आए 20 यात्री कोरोना से संक्रमित, सरकार ने सख्त एसओपी जारी की

ब्रिटेन से आए कम से कम 20 यात्रियों के मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता लगा, वहीं वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कहा कि उस देश से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें सांस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

12:35 AM Dec 23, 2020 IST | Shera Rajput

ब्रिटेन से आए कम से कम 20 यात्रियों के मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता लगा, वहीं वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कहा कि उस देश से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें सांस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

ब्रिटेन से आए कम से कम 20 यात्रियों के मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता लगा, वहीं वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कहा कि उस देश से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें सांस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजा जाना चाहिए। 
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। 
पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अपने देश में इस प्रकार के वायरस का पता नहीं लगा… अगर हम जीनोमिक श्रृंखला पर काबू पाते हैं तो हम सुरक्षित रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में मिले वायरस का तैयार हो रहे टीकों की संभावना पर कोई प्रभाव नहीं है। 
ब्रिटेन से आने-जाने वाली सभी उड़ानों पर 23 से 31 दिसंबर तक रोक के मंगलवार रात 11.59 बजे से प्रभावी होने के बीच भारत उन लगभग 40 अन्य देशों में शामिल है जिसने ऐसी रोक लागू की है। ब्रिटेन से आ रहे यात्रियों पर करीबी नजर रखी जा रही है। यात्रियों की निगरानी के बीच विभिन्न हवाई अड्डों पर सैकड़ों लोगों की जांच की गयी। इस प्रक्रिया में कई घंटे लगे जिससे दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत कई हवाई अड्डों पर अव्यवस्था और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। 
कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए 20 लोगों में से छह एक ही उड़ान में थे, जो सोमवार को रात में 11.30 बजे दिल्ली पहुंची। इसके अलावा रविवार की रात कोलकाता पहुंची उड़ान के दो यात्री, मंगलवार को अहमदाबाद पहुंची उड़ान के चार यात्री भी संक्रमित मिले। अमृतसर पहुंची एक उडान से आए सात यात्रियों और चालक दल के एक सदस्य के भी वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी। सभी लंदन से एयर इंडिया की सीधी उड़ानें थीं। 
ब्रिटेन के यात्रियों के लिए मंगलवार को जारी सरकार की एसओपी के अनुसार, संक्रमित पाए जाने वाले लोगों को संस्थागत इकाई में अलग रखा जाएगा। 
एक अधिकारी ने बताया, ;दिल्ली हवाई अड्डे पर पांच यात्री संक्रमित पाए गए। एक यात्री ने चेन्नई के लिए उड़ान पकड़ ली थी, उसके वहां संक्रमित होने की पुष्टि हुयी।’’ 
दिल्ली हवाई अड्डे पर कोरोना वायरस जांच का संचालन करने वाली जेनस्ट्रेक्स डायग्नोस्टिक सेंटर की संस्थापक गौरी अग्रवाल ने कहा कि लंदन से दूसरी उड़ान मंगलवार सुबह छह बजे दिल्ली पहुंची। सभी यात्रियों की जांच की गई। 
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि सकारात्मक नमूनों को नए प्रकार के वायरस के संबंध में जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल भेजा गया है। 
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ब्रिटेन में मिले नए प्रकार के वायरस को लेकर सतर्क है। जैन ने कहा कि दिल्ली ने कोरोना वायरस के साथ मुश्किल कठिन लड़ाई लड़ी है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे कि स्थिति नहीं बिगड़े। 
इस संबंध में अन्य राज्य भी सतर्क हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। 
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि पिछले चार हफ्ते में भारत के विभिन्न हवाई अड्डे पर ब्रिटेन से आयी उड़ानों के यात्रियों के बारे में सूची आव्रजन ब्यूरो द्वारा राज्य सरकारों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को मुहैया करायी जाएगी। इससे निगरानी टीमें यात्रियों का पता लगा पाएंगी। 
ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा। 
एसओपी में कहा गया है कि संबंधित राज्य 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर तरीके से जांच कराएंगे। हवाई अड्डे पर संक्रमित नहीं पाए गए यात्रियों को घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। संक्रमित पाए गए यात्रियों को संबंधित राज्य के प्राधिकारों द्वारा सांस्थानिक पृथक-वास केंद्रों में अलग कक्ष में भेजा जाएगा। जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण को लेकर नमूनों को राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे या किसी उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। 
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