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दशकों तक की वायुसेना की हिफाजत, अब रिटायर्ड होंगे ये 21 Fighter Aircraft

04:51 PM Jul 22, 2025 IST | Amit Kumar
दशकों तक की वायुसेना की हिफाजत  अब रिटायर्ड होंगे ये 21 fighter aircraft
Fighter Aircraft

भारतीय वायुसेना अपने मिग-21 Fighter Aircraft को सदैव के लिए अलविदा कहने जा रही है। इसी वर्ष 19 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान (Fighter Aircraft ) भारतीय वायुसेना के बेड़े से बाहर हो जाएंगे। मिग-21 लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के सबसे पुराने और ऐतिहासिक लड़ाकू विमानों में शुमार हैं।

रक्षा अधिकारियों के मुताबिक चंडीगढ़ एयरबेस पर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) एक विशेष कार्यक्रम के दौरान इन विमान को विदाई देगा। गौरतलब है कि समय के साथ पुराने होते और बार-बार हादसों का शिकार होने के कारण मिग-21 लड़ाकू विमानों को ‘उड़ता ताबूत' कहा जाने लगा था।

मिग-21 की खासियत?

मिग-21 पूर्व में भारतीय वायुसेना का एक भरोसेमंद व मजबूत लड़ाकू विमान (Fighter Aircraft ) था। इस विमान ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अहम योगदान दिया था। इसके बाद 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की भूमिका रही। यही नहीं बीते वर्षों के दौरान बालाकोट एयर स्ट्राइक में भी मिग-21 की भूमिका रही। मिग-21 Fighter Aircraft 1963 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था और यह लड़ाकू विमान 62 साल तक भारतीय वायुसेना का हिस्सा रहा है।

मिग-21 के बाहर होने के बाद वायुसेना की स्क्वाड्रन 29 रह जाएंगी। स्क्वाड्रन की यह संख्या वर्ष 1965 के युद्ध के समय से भी कम है। यह कमी स्वदेशी तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों से पूरी की जा सकती है। मिग-21 सोवियत यूनियन से खरीदा गया लड़ाकू विमान है। इसे 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। आखिरी बार इस वर्ष 2025 में ऑपरेशन सिंदूर में मिग-21 ने हिस्सा लिया था।

मिग-21 लगातार हुआ हादसों का शिकार

गौरतलब है कि मिग-21 का आखिरी वर्जन, मिग-21 बाइसन, 2000 में अपग्रेड किया गया था। बावजूद इसके, मिग-21 लगातार कई बार हादसों का शिकार हुआ। पिछले 60 सालों में कई मिग-21 क्रैश हुए हैं जिनमें कई पायलट्स की जान भी गई। इसलिए मिग-21 को 'उड़ता ताबूत' भी कहा जाने लगा है। जहां एक और मिग-21 वायुसेना के बेड़े से बाहर हो रहा है वहीं भारतीय फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के निर्माण में अब तेजी आ रही है। इस Fighter Aircraft के लिए अमेरिकी कंपनी ने भारत को जेट इंजन की सप्लाई भी शुरू कर दी है। स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क-1ए के लिए भारत को जीई-404 इंजन प्राप्त हुआ।

fighter planes

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रक्षा अधिकारियों ने क्या कहा?

रक्षा अधिकारियों के मुताबिक यह अमेरिकी कंपनी से मिला दूसरा जेट इंजन है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तेजस का निर्माण कर रही है। जानकारी के मुताबिक एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 इंजन मिलने हैं। ये सभी इंजन भारतीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे।

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने अपनी फ्लीट के लिए 83 एलसीए मार्क-1 ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। दरअसल भारतीय वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। इसके लिए वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू का विकल्प चुना है। Fighter Aircraft

Fighter Aircraft

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