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26/11 मुंबई ब्लास्ट, मिनटों में बिछ गई 160 से अधिक लाशें; दिल्ली धमाका 11वां महीना, आखिर क्या है हैवानियत के 3 मामले का 11 कनेक्शन

07:41 PM Nov 26, 2025 IST | Shivangi Shandilya
26 11 मुंबई ब्लास्ट  मिनटों में बिछ गई 160 से अधिक लाशें  दिल्ली धमाका 11वां महीना  आखिर क्या है हैवानियत के 3 मामले का 11 कनेक्शन
26/11 Mumbai Attacks

26/11 Mumbai Attacks: भारत 26 नवंबर 2008 का दिन कभी नहीं भूल सकता। देश के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। उस रात पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने दक्षिण मुंबई को खून से रंग दिया था. लोगों में डर भरा गया। उस रात मुंबई के ताज होटल से लेकर ओबेरॉय होटल, कामा हॉस्पिटल समेत रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध गोलीबारी हुई। पूरे 60 घंटे तक पूरे मुंबई में हड़कंप मचा दिया। लोगों को सहमा दिया।

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तीन बड़े आतंकी हमले

मुंबई हमले में 166 लाशें बिछ गई। 600 से अधिक लोग घायल हो गए। आज मुंबई हमलों को 17 साल हो गए हैं। उस घटना की याद हर भारतीय के दिल में ताज़ा है। ऐसे में बीते दिनों दिल्ली के लाल किला में आतंकी हमला हुआ। मुंबई, दिल्ली और अमेरिका में हुए आतंकवादी हमलों में एक बात कॉमन है: नंबर 11। अमेरिका में 9/11, मुंबई में 26/11 और दिल्ली में 10/11 को हुए इन हमलों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

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बड़े हमलों का एक चीज कॉमन '11' नंबर (World Trade Center Attack)

World Trade Center Attack
World Trade Center Attack (credit-sm)

बता दें मुंबई हमला हो या अमेरिकी आतंकी हमला या फिर दिल्ली ब्लास्ट। इन तीनों में एक चीज कॉमन है वह है '11' नंबर। तीनों आतंकी हमलों के साथ किसी न किसी तरह 11 नंबर जुड़ा हुआ है। अमेरिका में साल 2001 में आतंकी हमला हुआ, जो 11 सितंबर को हुआ था। इस हमले को 11 तारीख को अंजाम दिया गया। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसे 9/11 हमला कहा जाता है। इस दिन आतंकवादी संगठन अल-कायदा के सदस्यों ने चार यात्री विमानों का अपहरण किया।

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दो विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जुड़वां इमारतों से टकराया गया, जिससे दोनों टावर गिर गए। तीसरा विमान वॉशिंगटन डी.सी. में पेंटागन से टकराया, जबकि चौथा विमान पेंसिल्वेनिया में गिरा क्योंकि यात्रियों ने अपहरणकर्ताओं का मुकाबला किया। इस हमले में हजारों लोगों की मौत हुई और यह घटना विश्व सुरक्षा और अमेरिकी नीतियों पर गहरा प्रभाव डालने वाली साबित हुई।

26/11 Mumbai Attacks: 26/11 मुंबई हमला

26/11 Mumbai Attacks
26/11 Mumbai Attacks (credit-sm)

इसके बाद साल 2008 नवंबर (11वां) महीना जब मुंबई में हाहकार मचा था। 26 नवंबर को जब आधी मुंबई अपने काम से लौट कर घर पर आराम कर रही थी, तभी अचानक एक तरफ मुंबई को लाल खून से रंगा जा रहा था। पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादी नाव से मुंबई पहुंचे और ताज होटल, ओबेरॉय होटल, नरीमन हाउस, CST स्टेशन और अन्य जगहों पर गोलियां चलाने लगे और बम धमाके किए।

यह हमला लगभग 60 घंटे चला। इसमें 160 से ज़्यादा लोग मारे गए और 600 से अधिक लोग घायल हुए। भारतीय सुरक्षा बलों ने कड़ी मेहनत से नौ आतंकियों को मार दिया और एक आतंकवादी, अजमल कसाब, को जिंदा पकड़ लिया। यह भारत के लिए बहुत दुखद और याद किया जाने वाला दिन है।

10/11: रेड फोर्ट के पास भीषण धमाके से दिल्ली में हड़कंप (Delhi Blast)

Delhi Blast
Delhi Blast (credit-sm)

10 नवंबर 2025 को दिल्ली के Red Fort (लाल किला) के पास एक कार धमाके ने राजधानी को दहला कर रख दिया। एक सफेद Hyundai i20 कार रात करीब 6:52 बजे Gate No.1 वाले इलाके में अचानक फट गई। धमाके से आसपास की कई गाड़ियां जल उठीं और सैकड़ों लोग हादसे की आवाज़ सुनकर भागे। इस विस्फोट में कम-से-कम 8–15 लोगों की मौत हुई और कई लोग जख्मी हुए। सरकार ने इस धमाके को “आतंकी घटना” माना है, और जांच करने के लिए National Investigation Agency (NIA) को जिम्मेदारी सौंपी है।

26/11 Mumbai Attacks: 17 साल बाद भी उठ रहे कई सवाल

बताते चले कि आज जब मुंबई की गलियों में लोग सामान्य जिंदगी जी रहे हैं तब भी 26/11 की यादें हर बरसी पर ताजा हो जाती हैं। यह हमला केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी था कि आतंकवाद किसी एक देश तक सीमित नहीं है। 17 साल बाद भी यही सवाल बना हुआ है, क्या विश्व ने आतंकवाद से निपटने के लिए उतनी मजबूती और एकजुटता दिखाई है, जितनी वास्तव में ज़रूरी है?

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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