26/11 मुंबई आतंकवादी हमला: अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया
NIA मामलों के लिए नरेंद्र मान बने विशेष लोक अभियोजक
केंद्र सरकार ने 26/11 मुंबई हमले के मामलों की पैरवी के लिए अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड हेडली के खिलाफ एनआईए के मामलों की देखरेख के लिए उनका चयन किया गया है। राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न्याय की प्रक्रिया को गति मिलेगी।
केंद्र सरकार ने तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई से संबंधित मामलों और अन्य मामलों का संचालन करने के लिए अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। बता दें कि हेडली एक याचिका सौदे के बाद अमेरिकी जेल में है। गृह मंत्रालय ने 9 अप्रैल को अधिसूचित किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (2008 का 34) की धारा 15 की उप-धारा (1) के साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 18 की उप-धारा (8) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार नरेंद्र मान, एडवोकेट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दिल्ली और अपीलीय अदालतों में एनआईए मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों के संचालन के लिए इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 3 साल की अवधि के लिए या उक्त मामले के मुकदमे के पूरा होने तक, जो भी पहले हो, विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करती है।

आत्मसमर्पण वारंट पर हस्ताक्षर
अमेरिकी विदेश मंत्री ने 11 फरवरी को राणा के भारतीय अधिकारियों को प्रत्यर्पण को अधिकृत करने वाले आत्मसमर्पण वारंट पर हस्ताक्षर किए थे। राणा के कानूनी वकील ने बाद में उस आदेश को चुनौती देने के लिए एक आपातकालीन स्थगन प्रस्ताव दायर किया। 7 अप्रैल को, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की प्रत्यर्पण पर स्थगन की याचिका को खारिज कर दिया। पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को अमेरिका में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों और मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार समूह को भौतिक सहायता प्रदान करने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें 174 से अधिक लोग मारे गए थे।
26/11 हमले का दोषी तहव्वुर राणा भारत प्रत्यर्पण के करीब, अमेरिकी हिरासत से मुक्त
अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार
भारत सरकार वर्षों से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने उसके भारत आने का रास्ता साफ कर दिया है। एनआईए के अनुसार, सरकार ने 11 नवंबर, 2009 को एनआईए पुलिस स्टेशन नई दिल्ली में केस आरसी-04/2009/एनआईए/डीएल के रूप में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी और तहव्वुर हुसैन राणा को उनके मामले में अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनआईए ने आरोपी व्यक्तियों डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए यूएसए को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा है।

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