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कड़ाके की सर्दी की वजह से सेंटूर होटल से 34 राजनीतिक बंदियों को विधायक आवास भेजा गया

श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 34 राजनीतिक बंदियों को रविवार को विधायक अतिथि गृह भेजने का फैसला किया है क्योंकि होटल में पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं।

07:43 PM Nov 17, 2019 IST | Shera Rajput

श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 34 राजनीतिक बंदियों को रविवार को विधायक अतिथि गृह भेजने का फैसला किया है क्योंकि होटल में पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं।

श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 34 राजनीतिक बंदियों को रविवार को विधायक अतिथि गृह भेजने का फैसला किया है क्योंकि होटल में पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं। 
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अधिकारियों ने कहा कि सर्दी की वजह से नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कान्फ्रेंस नेताओं और जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा उनकी सुरक्षा में लगे जवानों की सेहत पर असर पड़ रहा है। 
डल झील के किनारे स्थित होटल में पांच अगस्त को इन नेताओं को रखा गया था। उसी दिन सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था। 
श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में सर्द हवाएं चल रही हैं। इस महीने की शुरूआत में मौसम की पहली बर्फबारी हुई। 
नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन शीतकाल के लिए श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित हो गया है। 
इन राजनीतिक बंदियों में पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद लोन, नेशनल कान्फ्रेंस के अली मोहम्मद सागर, पीडीपी के नईम अख्तर और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल शामिल हैं। 
राजनीतिक बंदियों को विधायक अतिथि गृह भेजे जाने के दौरान आक्रोश देखा गया जब लोन ने पुलिसकर्मियों द्वारा अनिवार्य शारीरिक तलाशी और सामान तलाशी में सहयोग करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया। 
यह घटना तब हुई जब लोन उच्च सुरक्षा वाले मौलाना आजाद रोड पर स्थित विधायक अतिथि गृह पहुंचे। लोन की पार्टी ने दावा किया कि उनसे सुरक्षा जांच की आड़ में ‘‘हाथापाई’’ की गयी लेकिन पुलिस ने इससे इनकार किया। 
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जाबेरवान रेंज की पहाड़ियों पर स्थित एक पर्यटक हट से शहर में एक सरकारी स्थान पर भेजा गया। 
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के स्वामित्व वाले सेंटूर होटल ने इन लोगों के 100 दिन के आवास और अन्य खर्च का करीब 3 करोड़ रुपये का बिल गृह विभाग को भेजा है। 
हालांकि प्रशासन ने सेंटूर होटल के बिल को खारिज करते हुए दलील दी है कि होटल को पांच अगस्त को एक सहायक अस्थाई जेल बनाया गया था और इसलिए सरकारी दरों पर भुगतान किया जाएगा। 
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