Mr. India के 38 साल: जब Anil Kpaoor हुए थे गायब और मोगैम्बो हुआ था खुश!
38 साल बाद भी मिस्टर इंडिया की जादूगरी बरकरार
‘मिस्टर इंडिया’ 25 मई 2025 को 38 साल पूरे करेगी। 1987 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया और दर्शकों के दिलों में विशेष स्थान बनाया। यह फिल्म आज भी हर उम्र के लोग बड़े उत्साह के साथ देखते हैं।
बॉलीवुड की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्मों में शुमार ‘मिस्टर इंडिया’ 25 मई 2025 को अपने 38 साल पूरे करने जा रही है। 1987 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने न केवल भारतीय सिनेमा में एक नई मिसाल कायम की थी, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी हमेशा के लिए अपनी जगह बना ली थी। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे हर उम्र के लोग आज भी बड़े चाव से देखते हैं।
फिल्म की कहानी और निर्देशन
‘मिस्टर इंडिया’ का निर्देशन किया था शेखर कपूर ने, जो ‘बैंडिट क्वीन’ जैसे क्लासिक फिल्म के लिए भी मशहूर हैं। इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था बोनी कपूर ने, जो कि एक्टर अनिल कपूर के बड़े भाई हैं। यह फिल्म एक साइंस फिक्शन एक्शन ड्रामा थी, जिसमें एक आम आदमी को एक ऐसा उपकरण मिलता है जिससे वह अदृश्य हो सकता है।
स्टार कास्ट और किरदार
फिल्म में अनिल कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसमें उनका किरदार ‘अरुण’ अदृश्य होकर बुराई से लड़ता है। वहीं, श्रीदेवी ने एक पत्रकार ‘सीमा’ का किरदार निभाया था, जिसकी चुलबुली अदाओं ने दर्शकों का दिल जीत लिया। लेकिन फिल्म की सबसे यादगार चीज़ रही अमरीश पुरी का निभाया गया विलेन ‘मोगैम्बो’, जिसकी “मोगैम्बो खुश हुआ!” आज भी आइकॉनिक डायलॉग्स में गिनी जाती है।
बैकस्टोरी और ऑफर हुए कलाकार
क्या आप जानते हैं कि ‘मिस्टर इंडिया’ की कहानी 1980 में ही लिखी गई थी? फिल्म में पहले राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन को लेने का प्रस्ताव था, लेकिन दोनों ने फिल्म करने से इंकार कर दिया था क्योंकि उन्हें “गायब होने” का कॉन्सेप्ट समझ नहीं आया था। इसके बाद जब अनिल कपूर को कास्ट किया गया तो उन्होंने इस भूमिका को पूरी ईमानदारी और जोश के साथ निभाया।
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कॉस्ट्यूम और लो-बजट का कमाल
एक दिलचस्प बात यह भी है कि अनिल कपूर का फिल्म में पहना गया कॉस्ट्यूम चोर बाजार से खरीदा गया था। पूरे फिल्म में उन्हें एक ही कपड़ों में देखा गया था, जो फिल्म की सादगी और किरदार की वास्तविकता को दर्शाता है। फिल्म का बजट मात्र 3.8 करोड़ रुपये था, लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 10 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो उस दौर में बहुत बड़ी बात थी।
इमोशन और एंटरटेनमेंट का मिश्रण
‘मिस्टर इंडिया’ सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं थी, बल्कि इसमें इमोशन, ड्रामा, कॉमेडी और साइंस फिक्शन का अनोखा मेल देखने को मिला। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी ने फिल्म के हर पहलू को पसंद किया। अनाथ बच्चों का सहारा बना अरुण और उसकी मासूमियत, श्रीदेवी का कैमिकल सेगमेंट वाला सीन, और मोगैम्बो की डरावनी प्लानिंग – सब कुछ इस फिल्म को क्लासिक बना देता है। 38 साल बाद भी ‘मिस्टर इंडिया’ आज के सिनेमा प्रेमियों के लिए उतनी ही ताज़ा और रोमांचक है। इस फिल्म ने यह साबित किया कि एक अच्छी कहानी, बेहतरीन एक्टिंग और सच्चे इमोशन के साथ कोई भी फिल्म दशकों तक याद रखी जा सकती है।