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वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सिख पंथ में पहली बार हुई 5 सिंह साहिबान की बैठक

खालसा सुजान दिवस (वैसाखी) के पावन अवसर को सिख पंथ द्वारा मनाए जाने की खबरों के बीच आज पंज तख्तों के सिह साहिबान की एक विशेष बैठक श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अध्यक्षता में हुई

10:41 PM Apr 04, 2020 IST | Shera Rajput

खालसा सुजान दिवस (वैसाखी) के पावन अवसर को सिख पंथ द्वारा मनाए जाने की खबरों के बीच आज पंज तख्तों के सिह साहिबान की एक विशेष बैठक श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अध्यक्षता में हुई

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सिख पंथ में पहली बार हुई 5 सिंह साहिबान की बैठक
लुधियाना-अमृतसर : खालसा सुजान दिवस (वैसाखी) के पावन अवसर को सिख पंथ द्वारा मनाए जाने की खबरों के बीच आज पंज तख्तों के सिह साहिबान की एक विशेष बैठक श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में तख्त श्री हरिमंदिर साहिब जी पटना साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह गोहर, तख्त श्री केसगढ़ साहिब श्री आनंदपुर साहिब से जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, जत्थेदार तख्त सचखंड श्री हुजूर साहिब से ज्ञानी कुलवंत सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब से ज्ञानी गुरजंट ङ्क्षसह हैड ग्रंथी   ने वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए हिस्सा लिया। 
बैठक के उपरांत जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि खालसा का कौमी पर्व दुनिया भर में सिख संगत द्वारा बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। यह पहले की तरह ही संसार भर की संगत में एक वैसाख नानकशाही संवत 552 (13 अप्रैल 2020) को आ रहे इस दिवस को मनाने के लिए पहले से ही काफी उत्साह था किंतु अचानक दुनिया भर में कोरोना वायरस की महामारी के चलते और देश-विदेश में लॉकडाउन की स्थिति के कारण अब इसे भारी इकटठ में मनाए जाना संभव नहीं। इसी कारण जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख पंथ के नाम जारी संदेश में कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के कारण खालसा की स्थापना के पवित्र पर्व वैशाखी पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अब बड़े आयोजन की जगह वैशाखी पर्व गुरुद्वारा साहिबों के अंदर ही मनाया जाए। इस दौरान अखंड पाठ साहिब या सहिज पाठ शुरू करके समाप्ति पर सरबत के भले की अरदास की जाए। हर सिख प्रयास करे कि इस पर्व को समर्पित सहज पाठ अपने घरों में ही बैठकर करें। ऐतिहासिक गुरुद्वारों से प्रसारित होने वाले कथा कीर्तन का घर पर बैठकर ही श्रवण करें। फिलहाल अगले आदेशों तक कोई भी बड़ा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित न किया जाए।
– सुनीलराय कामरेड
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